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एक बेटा हुआ शहीद तो क्या जरेलिया में बच्चा-बच्चा फौजी है...

बड़गांव में एयर फोर्स का चॉपर बुधवार को क्रैश हो गया था. जिसमें मथुरा का बेटा पंकज सिंह नोहवार शहीद हो गए थे. जिसके बाद शहीद के गांव के लोग शोक में है, वहीं गांव के युवाओं का कहना है कि वे सब अब फौज में जाने की तैयारी कर रहे हैं और देश की रक्षा के लिए सरहद पर तैयार होने के लिए तैयार हो रहे हैं.

mathura
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Published : Feb 28, 2019, 5:45 PM IST

मथुरा : भारत माता की जय के नारे लगा रहे ये युवा शहीद पंकज सिंह नोहवार के पैतृक गांव जरेलिया के रहने वाले हैं. जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर इस गांव की आबादी 25 सौ है, लेकिन इस गांव के लगभग हर घर से एक बेटा फौज में नौकरी कर रहा है और यहां के युवा देश की रक्षा के लिए सेना में जाना चाहते हैं.

शहीद के गांव के युवा.


हम बात कर रहे हैं शहीद पंकज सिंह नोहवार के पैतृक गांव जरेलिया की. बुधवार को कश्मीर के बड़गांव में एयर फोर्स का चॉपर क्रैश में पंकज शहीद हो गए थे. जिसके बाद गांव के लोगों में शोक तो है, लेकिन इसके बाद भी यहां के युवा फौज में जाने को तैयार हैं. युवाओं का कहना है कि हमारा एक भाई शहीद हो गया है, लेकिन इसके बाद भी हम सब फौज में जाने की तैयारी कर रहे हैं और सरहद पर जाकर देश की रक्षा करेंगे.


बता दें शहीद पंकज के गांव से लगभग हर घर से कोई बेटा, पिता या भाई फौज में हैं. वहीं पूरे गांव में करीब चार सौ लोग आर्मी से रिटायर्ड हो चुके हैं. पंकज के शहीद होने बाद अब गांव के शोक में है. वहीं गांव के युवाओं का कहना है कि वे सभी देश की रक्षा के लिए सेना में जाने की तैयारी कर रहे हैं और सरहद पर जाकर देश के लिए जान भी न्योछावर कर देंगे.

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मथुरा : भारत माता की जय के नारे लगा रहे ये युवा शहीद पंकज सिंह नोहवार के पैतृक गांव जरेलिया के रहने वाले हैं. जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर इस गांव की आबादी 25 सौ है, लेकिन इस गांव के लगभग हर घर से एक बेटा फौज में नौकरी कर रहा है और यहां के युवा देश की रक्षा के लिए सेना में जाना चाहते हैं.

शहीद के गांव के युवा.


हम बात कर रहे हैं शहीद पंकज सिंह नोहवार के पैतृक गांव जरेलिया की. बुधवार को कश्मीर के बड़गांव में एयर फोर्स का चॉपर क्रैश में पंकज शहीद हो गए थे. जिसके बाद गांव के लोगों में शोक तो है, लेकिन इसके बाद भी यहां के युवा फौज में जाने को तैयार हैं. युवाओं का कहना है कि हमारा एक भाई शहीद हो गया है, लेकिन इसके बाद भी हम सब फौज में जाने की तैयारी कर रहे हैं और सरहद पर जाकर देश की रक्षा करेंगे.


बता दें शहीद पंकज के गांव से लगभग हर घर से कोई बेटा, पिता या भाई फौज में हैं. वहीं पूरे गांव में करीब चार सौ लोग आर्मी से रिटायर्ड हो चुके हैं. पंकज के शहीद होने बाद अब गांव के शोक में है. वहीं गांव के युवाओं का कहना है कि वे सभी देश की रक्षा के लिए सेना में जाने की तैयारी कर रहे हैं और सरहद पर जाकर देश के लिए जान भी न्योछावर कर देंगे.

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Intro:मथुरा। युवाओं में जोश ,भारत माता की जिंदाबाद के जयकारे, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे इस गांव में सौ से ज्यादा युवा फौज की नौकरी कर रहे हैं और 18 से 20 साल के लड़के फौज में जाने की तैयारी कर रहे हैं जी हां यह गांव है शहीद पंकज सिंह नोहवार का पैतृक गांव जरेलिया। जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर जरेलिया गांव। इस गांव की आबादी 2500 है लेकिन इस गांव के हर घर में एक बेटा फौज में नौकरी कर रहा है।


Body:जी हां यही वह जरेलिया गांव है जो पंकज सिंह नोहवार बुधवार को कश्मीर के बड़गांव में एयर फोर्स का चॉपर क्रैश होने से शहीद हो गए थे। गांव के युवाओं ने कहा कि गांव की 25 सौ की आबादी है और इस गांव से हर घर में एक बेटा भारत की सरहद पर तैनात है इस गांव से 400 लोग आर्मी से रिटायर्ड हो चुके हैं। जरेलिया गांव एक भूमिका निभाता है चाहे वह कारगिल का युद्ध या फिर सर्जिकल स्ट्राइक, जरेलिया गांव में युवाओं में जोश देखा जा सकता है।


Conclusion:नए युवाओं से बात की तो कहा हम पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है और मोदी सरकार से हम लोग अपील करते हैं कि अब पाकिस्तान को नेस्तनाबूद कर देना चाहिए। क्योंकि हर बार पाकिस्तान अपनी आदतों से बाज नहीं आता। जरेलिया गांव के हर घर से एक लड़का फौज में है अभी तो हमारा एक बड़ा भाई शहीद हुआ है हम फौज में जाने की तैयारी कर रहे हैं और पाकिस्तान बॉर्डर पर जाकर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देंगे।

वाइट युवा
पीटीसी प्रवीन शर्मा

mathura reporter
praveen sharma
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