मथुरा सदर विधानसभा-84
कुल वोटर - 450396
पुरुष वोटरों - 245945
महिला वोटर- 206338
मथुरा: विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी पार्टियां अपना-अपना वोट बैंक साधने में लगी हुई हैं. वर्तमान में मथुरा वृंदावन सदर विधानसभा की बात करें तो यह सीट बीजेपी के खाते में हैं. विधायक पंडित श्रीकांत शर्मा प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री के पद पर आसीन है.
बता दें कि इस विधानसभा सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी हमेशा हार का मुंह देखते रहे. हालांकि 2017 में भाजपा ने युवा चेहरे रविकांत गर्ग पर दांव खेला. यहां पहली बार रविकांत गर्ग ने सीट जीतकर बीजेपी का खाता खोला.
राजनाथ और कल्याण सिंह की सरकार में मंत्री पद भी हासिल किया. वर्ष 2017 में चली मोदी लहर के चलते यहां से विधायक और नेता कांग्रेस विधानमंडल दल प्रदीप माथुर के सामने पंडित श्रीकांत शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा गया.
प्रदीप माथुर को करारी हार का मुंह देखना पड़ा. श्रीकांत शर्मा को 1,43,361 वोट मिले और उन्होंने अपनी जीत भाजपा के पाले में डाल दी. प्रदीप माथुर को जनता ने 42,200 वोट दिए.
सदर विधानसभा में वोटर
मथुरा वृंदावन विधानसभा क्षेत्र में 450396 वोटर हैं. इनमें पुरुष वोटरों की संख्या 245945 और महिला वोटरों की संख्या 206338 है. इस विधानसभा सीट पर 2017 में त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था. इसमें बीजेपी प्रत्यासी पंडित श्रीकांत शर्मा, कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप माथुर, गठबंधन सपा रालोद प्रत्यासी डॉ. अशोक अग्रवाल, बीएसपी प्रत्यासी योगेश दुबेदी मैदान में थे. बीजेपी प्रत्यासी पंडित श्रीकांत शर्मा ने एक लाख वोटों से अपनी जीत दर्ज कराई और अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्यासी और विधायक प्रदीप माथुर को हराया.
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युवा वोटों की होगी अहम भूमिका
मथुरा वृंदावन सदर विधानसभा सीट पर इस बार युवा वोटर अहम भूमिका निभा सकते हैं. युवाओं को बेरोजगारी की समस्या और पिछले 2 साल से वैश्विक महामारी कोरोना काल के चलते लाखों लोगों के रोजगार खत्म हो गए. सदर विधानसभा पर जातिगत आंकड़े की बात करें तो ठाकुर, ब्राह्मण व वैश्य दो लाख से ज्यादा हैं. वहीं, मुस्लिम वोट 70 हजार है. एक लाख एससी वोटर हैं.
मथुरा शहर में यमुना शुद्धिकरण का मुद्दा काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि हर चुनाव में यमुना शुद्धिकरण कराने के लिए नेताजी अपने भाषण की शुरुआत करते हैं चाहे विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव.
सैलानियों की सुरक्षा को लेकर भी आवाज बुलंद की जाती है क्योंकि दूरदराज से मंदिरों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु और सैलानी आते हैं. उनके साथ मंदिर में अभद्रता और पॉकेट मारी की घटनाएं हो जाती है. इसके चलते श्रद्धालु यहां आकर मायूस और दुखी होते हैं.
शहर में जाम की समस्या भी काफी विकराल होती जा रही है. चुनावी सीजन में जाम से मुक्ति दिलाने के लिए वादे किए जाते हैं. शहर के सभी चौराहों पर हर रोज जाम की समस्या को लेकर आम जनता खासी परेशान होती है.