मथुरा : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार को पंडित दीनदयाल की जन्मस्थली नगला चंद्रभान के पास गांव परखम में थे. यहां दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि गौ माता की सेवा ही परम सेवा है. गौ माता का स्थान भी सभी देवी-देवताओं में पूज्यनीय माना जाता है. गौ माता का विकास होगा तो देश का विकास होगा. भारत तरक्की की ओर अग्रसर बढ़ता ही जा रहा है.
20 करोड़ की लागत से तैयार गौ विज्ञान अनुसंधान प्रशिक्षण केंद्र
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मस्थली नगला चंद्रभान के पास गांव परखम में 100 एकड़ भूमि पर 20 करोड़ की लागत से तैयार दुनिया का सबसे बड़ा दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे. सैकड़ों की संख्या में साधु-संत, महामंडलेश्वर, कथा वाचक के साथ-साथ नेताओं ने भी कार्यक्रम में शिरकत की. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, संगीत सोम के साथ आरएसएस के कई पदाधिकारी-प्रचारक भी कार्यक्रम में मौजूद रहे.
लोगों को मिलेगा रोजगार
इस दौरान विश्वविद्यालय का भी लोकार्पण किया गया. दीनदयाल गौशाला समिति द्वारा यहां बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है जो कि हजारों लोगों को रोजगार के साथ प्रशिक्षण भी दिलाएगा. गौ माता के प्रति प्रेम की भावना जागृत करना भी मुख्य उद्देश्य होगा. विज्ञान अनुसंधान में अनेक प्रकार की लैब तैयार की जाएगी. गाय के गोबर, मूत्र से अनेक प्रकार की औषधियां तैयार की जाएंगी.
गौ माता ही परम सेवा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने लोकार्पण करने के बाद कहा कि गौ माता के प्रति प्रेम की भावना बचपन से ही दी जाती है. जिस तरह बचपन में एक माता अपने बच्चों को कहती है कि रात में पेड़ों को नहीं छूना चाहिए, क्योंकि पेड़ सो रहे हैं, इसी तरह गाय के प्रति प्रेम भावना अनंत काल से दी जा रही है. कहा कि हिंदू संस्कृति बहुत पुरानी है. उसे संभालकर रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है. गाय पालने के साथ उसका आदर-सम्मान भी करना चाहिए. गाय को खुले आसमान और सड़कों पर नहीं छोड़ना चाहिए. घर में गाय की सेवा होगी तो माहौल अच्छा होगा और बच्चों में संस्कार भी अच्छे आएंगे.
भारत तरक्की की ओर अग्रसर
संघ प्रमुख ने कहा कि आज दुनिया में भारत तरक्की की ओर बढ़ता ही जा रहा है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का हमेशा से एक सपना रहा है, पंक्ति में सबसे पीछे खड़े हुए मनुष्य का विकास करना. 1984 में जब हम लोग पंडित दीनदयाल जी की जन्मस्थली नगला चंद्रभान आए थे तो मन में विचार आया कि यहां लोगों का विकास होना चाहिए. समय बदला और 2010 में भी नगला चंद्रभान आने का मौका मिला. अब 2023 में नगला चंद्रभान के पास परखम गांव में जो शिला रखी जा रही है, आने वाले समय में लोगों के लिए बहुत ही लाभकारी होगी. क्योंकि गौ संवर्धन और विज्ञान अनुसंधान केंद्र प्रशिक्षण केंद्र के साथ एक विश्वविद्यालय की भी नींव रखी जा रही है.