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श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर डाली गई याचिका खारिज

hearing in sri krishna janmabhoomi case
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में सुनवाई शुरू
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Published : Sep 30, 2020, 3:25 PM IST

Updated : Sep 30, 2020, 6:22 PM IST

18:16 September 30

वादी पक्ष सिविल कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब जाएगा हाईकोर्ट

कोर्ट ने याचिका खारिज की.

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक और परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर 25 सितंबर को न्यायालय के सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की कोर्ट में याचिका डाली गई. बुधवार दोपहर 2:35 पर याचिका की सुनवाई वादी पक्ष द्वारा साक्ष्य रखे गए. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट में जो दस्तावेज रखे गए, उसे पूरा न मानते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. वादी पक्ष का कहना है कि वे अब हाईकोर्ट जाएंगे.

वादी पक्ष के अधिवक्ता करुणेश ने बताया कि सिविल कोर्ट में याचिका खारिज कर दी गई है. अब हम हाईकोर्ट जाएंगे. उन्होंने बताया कि  श्रीकृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर 25 सितंबर को याचिका कोर्ट में डाली गई थी, जिसकी आज सुनवाई की गई तो कोर्ट ने साक्ष्य पर्याप्त न होने पर याचिका खारिज कर दी है. 

श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है, जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा 25 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई थी, जिसमें श्रीकृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया था. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट से मांग की गई है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त बनाया जाए.

बता दें कि ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा था. 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्मस्थान की दुर्दशा को देखकर दुखी हुए और स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय जी से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय जी ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को जन्मभूमि पुनर्रुद्वार के लिए पत्र लिखा. 21 फरवरी 1951 में श्रीकृष्ण जन्म भूमिट्रस्ट की स्थापना की गई. 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई थी. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ता ने कोर्ट मे याचिका डाली है.

मथुरा न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर सुनवाई शुरू हो गई है. जिला प्रशासन ने परिसर के पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं.

17:20 September 30

श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर डाली गई याचिका कोर्ट में खारिज

श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर डाली गई याचिका सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा ने खारिज कर दी है. वादी पक्ष अब हाईकोर्ट जाएगा. साक्ष्य पूरे ना होने पर याचिका खारिज की गई है.

15:26 September 30

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में सुनवाई शुरू, कोर्ट में वादी ने रखा अपना पक्ष

श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक मामले में कोर्ट में डाली गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने सीनियर डिवीजन सिविल जज छाया शर्मा की कोर्ट में अपना पक्ष रखा. कोर्ट की कार्रवाई दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर शुरू हुई. कुछ ही देर बाद फैसला सुनाया जाएगा. 

15:05 September 30

सीनियर डिवीजन जज छाया शर्मा की कोर्ट में हो रही सुनवाई

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई है. इस मामले में आज सीनियर डिवीजन सिविल जज छाया शर्मा की कोर्ट में सुनवाई हो रही है. सुनवाई को देखते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पीएसी और स्थानीय पुलिस मौके पर तैनात हैं. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में वादी का पक्ष रखा जा रहा है.

श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है, जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा 25 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई थी, जिसमें श्रीकृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया था. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट से मांग की गई है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त बनाया जाए.

बता दें कि ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा था. 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्मस्थान की दुर्दशा को देखकर दुखी हुए और स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय जी से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय जी ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को जन्मभूमि पुनर्रुद्वार के लिए पत्र लिखा. 21 फरवरी 1951 में श्रीकृष्ण जन्म भूमिट्रस्ट की स्थापना की गई. 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई थी. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ता ने कोर्ट मे याचिका डाली है.

मथुरा न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर सुनवाई शुरू हो गई है. जिला प्रशासन ने परिसर के पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं.

18:16 September 30

वादी पक्ष सिविल कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब जाएगा हाईकोर्ट

कोर्ट ने याचिका खारिज की.

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक और परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर 25 सितंबर को न्यायालय के सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की कोर्ट में याचिका डाली गई. बुधवार दोपहर 2:35 पर याचिका की सुनवाई वादी पक्ष द्वारा साक्ष्य रखे गए. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट में जो दस्तावेज रखे गए, उसे पूरा न मानते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. वादी पक्ष का कहना है कि वे अब हाईकोर्ट जाएंगे.

वादी पक्ष के अधिवक्ता करुणेश ने बताया कि सिविल कोर्ट में याचिका खारिज कर दी गई है. अब हम हाईकोर्ट जाएंगे. उन्होंने बताया कि  श्रीकृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर 25 सितंबर को याचिका कोर्ट में डाली गई थी, जिसकी आज सुनवाई की गई तो कोर्ट ने साक्ष्य पर्याप्त न होने पर याचिका खारिज कर दी है. 

श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है, जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा 25 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई थी, जिसमें श्रीकृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया था. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट से मांग की गई है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त बनाया जाए.

बता दें कि ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा था. 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्मस्थान की दुर्दशा को देखकर दुखी हुए और स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय जी से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय जी ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को जन्मभूमि पुनर्रुद्वार के लिए पत्र लिखा. 21 फरवरी 1951 में श्रीकृष्ण जन्म भूमिट्रस्ट की स्थापना की गई. 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई थी. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ता ने कोर्ट मे याचिका डाली है.

मथुरा न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर सुनवाई शुरू हो गई है. जिला प्रशासन ने परिसर के पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं.

17:20 September 30

श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर डाली गई याचिका कोर्ट में खारिज

श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर डाली गई याचिका सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा ने खारिज कर दी है. वादी पक्ष अब हाईकोर्ट जाएगा. साक्ष्य पूरे ना होने पर याचिका खारिज की गई है.

15:26 September 30

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में सुनवाई शुरू, कोर्ट में वादी ने रखा अपना पक्ष

श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक मामले में कोर्ट में डाली गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने सीनियर डिवीजन सिविल जज छाया शर्मा की कोर्ट में अपना पक्ष रखा. कोर्ट की कार्रवाई दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर शुरू हुई. कुछ ही देर बाद फैसला सुनाया जाएगा. 

15:05 September 30

सीनियर डिवीजन जज छाया शर्मा की कोर्ट में हो रही सुनवाई

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई है. इस मामले में आज सीनियर डिवीजन सिविल जज छाया शर्मा की कोर्ट में सुनवाई हो रही है. सुनवाई को देखते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पीएसी और स्थानीय पुलिस मौके पर तैनात हैं. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में वादी का पक्ष रखा जा रहा है.

श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है, जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा 25 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई थी, जिसमें श्रीकृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया था. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट से मांग की गई है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त बनाया जाए.

बता दें कि ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा था. 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्मस्थान की दुर्दशा को देखकर दुखी हुए और स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय जी से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय जी ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को जन्मभूमि पुनर्रुद्वार के लिए पत्र लिखा. 21 फरवरी 1951 में श्रीकृष्ण जन्म भूमिट्रस्ट की स्थापना की गई. 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई थी. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ता ने कोर्ट मे याचिका डाली है.

मथुरा न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर सुनवाई शुरू हो गई है. जिला प्रशासन ने परिसर के पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं.

Last Updated : Sep 30, 2020, 6:22 PM IST
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