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यूपी में बाढ़ः गोकुल में चली नाव, मगरमच्छ और सांपों से खौफ में लोग

मथुरा में यमुना नदी का जलस्तर हर रोज तेजी से बढ़ रहा है. खतरे के निशान को पार कर चुके यमुना नदी के जलस्तर के चलते जगह-जगह बाढ़ जैसे हालात हो चुके हैं. इसी दौरान गोकुल के आबादी वाले इलाके में मगरमच्छ और सांप निकलने से लोग दहशत में हैं.

यूपी में बाढ़
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Published : Jul 18, 2023, 1:48 PM IST

Updated : Jul 18, 2023, 2:37 PM IST

गोकुल में निकला सांप और मगरमच्छ.

मथुराः जिले में यमुना नदी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रही है, चारों तरफ बाढ़ का पानी फैला हुआ है. वहीं, कृष्ण की क्रीड़ा स्थली गोकुल में रमणरेती गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में भी पानी भर गया, जहां संत ने आश्रम में नाव चलाया और कहा- यमुना महारानी अपने पूरे रूप में दर्शन दे रही हैं. बता दें कि यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण देहात और शहरी क्षेत्रों में पानी भरा हुआ है. अधिकारी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. वहीं, गोकुल के आबादी वाले क्षेत्र में सांप और मगरमच्छ भी दिखाई पड़ रहे हैं.

उफान पर यमुनाः मंगलवार को यमुना नदी खतरे के निशान से करीब 3 मीटर ऊपर रही. इससे चारों तरफ जलभराव की समस्या बनी हुई है. वहीं, निकटवर्ती इलाकों में भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. लोगों के घरों में 5-5 फीट तक पानी भर चुका है. शहर के विश्राम घाट पर करीब 6 फीट पानी मंदिर परिसर में बढ़ चुका है. वृंदावन के परिक्रमा मार्ग में कई फीट पानी सड़कों पर आ चुका है. लोगों को आवाजाही से मना कर दिया गया है.

पानी के बहाव में आने लगे है सांप और मगरमच्छः मैदानी इलाके में हो रही लगातार बारिश के चलते यमुना नदी उफान पर है. वहीं यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी में सांप और मगरमच्छ भी आने लगे हैं. मंगलवार की सुबह गोकुल आबादी क्षेत्र में पानी में 5 फीट का सांप और मगरमच्छ भी आ जाने की वजह से लोग भयभीत हुए हो गए है

मथुरा वृंदावन ना पहुंचे श्रद्धालुः जिला प्रशासन ने यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर श्रद्धालुओं से मथुरा वृंदावन न आने की अपील की है. यमुना नदी का जलस्तर हर रोज बढ़ता ही जा रहा है. वृंदावन के परिक्रमा स्थल विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर की कुंज गलियों में भी पानी घुस रहा है. जिला प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट है. जनपद के गोकुल बैराज पर समय-समय पर पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है और बाढ़ नियंत्रण कक्ष पर अधिकारी बैठकर निगरानी रख रहे हैं.

3000 से ज्यादा लोग सुरक्षित स्थान परः यमुना के जलस्तर और निचले इलाकों में पानी भरने के जिला प्रशासन एनडीआरएफ और नगर निगम की टीम ने राहत शिविर केंद्र बनाए हैं. 3 हजार से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. लोगों के लिए खाने-पीने की चीजें मुहैया कराई जा रही हैं, तो वहीं यमुना नदी के किनारे बने घाटों पर बैरिकेडिंग टीन सेट लगा दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः ताजमहल पर हर बाढ़ ने छोड़े निशान, 1978 में ताज के तहखाने तक पहुंच गया था पानी

गोकुल में निकला सांप और मगरमच्छ.

मथुराः जिले में यमुना नदी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रही है, चारों तरफ बाढ़ का पानी फैला हुआ है. वहीं, कृष्ण की क्रीड़ा स्थली गोकुल में रमणरेती गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में भी पानी भर गया, जहां संत ने आश्रम में नाव चलाया और कहा- यमुना महारानी अपने पूरे रूप में दर्शन दे रही हैं. बता दें कि यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण देहात और शहरी क्षेत्रों में पानी भरा हुआ है. अधिकारी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. वहीं, गोकुल के आबादी वाले क्षेत्र में सांप और मगरमच्छ भी दिखाई पड़ रहे हैं.

उफान पर यमुनाः मंगलवार को यमुना नदी खतरे के निशान से करीब 3 मीटर ऊपर रही. इससे चारों तरफ जलभराव की समस्या बनी हुई है. वहीं, निकटवर्ती इलाकों में भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. लोगों के घरों में 5-5 फीट तक पानी भर चुका है. शहर के विश्राम घाट पर करीब 6 फीट पानी मंदिर परिसर में बढ़ चुका है. वृंदावन के परिक्रमा मार्ग में कई फीट पानी सड़कों पर आ चुका है. लोगों को आवाजाही से मना कर दिया गया है.

पानी के बहाव में आने लगे है सांप और मगरमच्छः मैदानी इलाके में हो रही लगातार बारिश के चलते यमुना नदी उफान पर है. वहीं यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी में सांप और मगरमच्छ भी आने लगे हैं. मंगलवार की सुबह गोकुल आबादी क्षेत्र में पानी में 5 फीट का सांप और मगरमच्छ भी आ जाने की वजह से लोग भयभीत हुए हो गए है

मथुरा वृंदावन ना पहुंचे श्रद्धालुः जिला प्रशासन ने यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर श्रद्धालुओं से मथुरा वृंदावन न आने की अपील की है. यमुना नदी का जलस्तर हर रोज बढ़ता ही जा रहा है. वृंदावन के परिक्रमा स्थल विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर की कुंज गलियों में भी पानी घुस रहा है. जिला प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट है. जनपद के गोकुल बैराज पर समय-समय पर पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है और बाढ़ नियंत्रण कक्ष पर अधिकारी बैठकर निगरानी रख रहे हैं.

3000 से ज्यादा लोग सुरक्षित स्थान परः यमुना के जलस्तर और निचले इलाकों में पानी भरने के जिला प्रशासन एनडीआरएफ और नगर निगम की टीम ने राहत शिविर केंद्र बनाए हैं. 3 हजार से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. लोगों के लिए खाने-पीने की चीजें मुहैया कराई जा रही हैं, तो वहीं यमुना नदी के किनारे बने घाटों पर बैरिकेडिंग टीन सेट लगा दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः ताजमहल पर हर बाढ़ ने छोड़े निशान, 1978 में ताज के तहखाने तक पहुंच गया था पानी

Last Updated : Jul 18, 2023, 2:37 PM IST
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