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श्री कृष्ण जन्मभूमि में इस तरह मनाया जाएगा आगामी ईद का त्योहार - Secretary Shahi Idgah Masjid Advocate Tanveer Ahmed

मथुरा में आगामी 10 जुलाई को परंपरागत तरीके से ईद का पर्व मनाया जाएगा. इसको लेकर शासन-प्रशासन द्वारा लगातार इंतजाम किए जा रहे हैं.

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ईद के त्योहार को लेकर व्यवस्था
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Published : Jul 7, 2022, 10:44 PM IST

मथुरा: 10 सितंबर 2021 को उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण जन्म स्थान के आसपास के 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित कर दिया था. इस क्षेत्र में शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था, यह क्षेत्र 22 वार्डों में फैला हुआ है. वहीं आगामी 10 जुलाई को ईद का पर्व मनाया जाना है. ऐसे में अब इस क्षेत्र में कुर्बानी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. प्रशासन का कहना है कि सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन किया जाएगा, उसमें नया कुछ नहीं है.

मुस्लिम समाज का कहना है कि परंपरागत तरीके से ईद के त्यौहार को बनाया जाएगा. शासन प्रशासन द्वारा इसमें सहमति जता दी गई है, जिस तरह से पहले कुर्बानी होती आ रही है, उसी तरह से इस बार भी कुर्बानी की जाएगी. जबकि हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि जो शासन के आदेश निर्देश है, उसके अनुसार सारी व्यवस्थाएं होनी चाहिए, उसमें कोई कोताही नहीं होगी.

ईद के त्योहार को लेकर व्यवस्था

यह भी पढ़ें- श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: आज पक्षकार देंगे मस्जिद पक्ष के प्रार्थना पत्र पर जवाब

प्रेसिडेंट शाही ईदगाह मस्जिद जेड़ हसन ने कहा कि बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सबसे पहले यह बात क्लियर कर दी थी कि जिस प्रकार से कुर्बानी होती चली आ रही है ,उसी प्रकार से कुर्बानी होगी, इसमें नया कुछ भी नहीं होगा. कुर्बानी पर किसी प्रकार की कोई रोक-टोक नहीं है.

सचिव शाही ईदगाह मस्जिद अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि जो भी शासन-प्रशासन का आदेश है, उसका हम पूर्णता पालन करते हैं और करते आए हैं. यहां पर जिस प्रकार से त्यौहार बनते रहे हैं. उसी प्रकार से त्यौहार मनाए जाएंगे. कोई भी जो प्रतिबंधित जानवर है. उसकी कुर्बानी नहीं की जाएगी और ना ही कभी मथुरा में की गई है. मथुरा शांत नगरी है. सभी समाज के लोग सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्यौहार मनाते हैं और 10 जुलाई को भी शांति से ईद का त्यौहार मनाया जाएगा.

वहीं, श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि ,प्रशासन संवैधानिक और व्यवस्था के दिशानिर्देश चलता है. उनके मथुरा प्रशासन का कहना है कि जो संवैधानिक व्यवस्थाएं हैं, जो शासन के निर्देश है. उसके अनुसार सारी व्यवस्थाएं की जाएगी, उसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए.

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मथुरा: 10 सितंबर 2021 को उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण जन्म स्थान के आसपास के 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित कर दिया था. इस क्षेत्र में शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था, यह क्षेत्र 22 वार्डों में फैला हुआ है. वहीं आगामी 10 जुलाई को ईद का पर्व मनाया जाना है. ऐसे में अब इस क्षेत्र में कुर्बानी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. प्रशासन का कहना है कि सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन किया जाएगा, उसमें नया कुछ नहीं है.

मुस्लिम समाज का कहना है कि परंपरागत तरीके से ईद के त्यौहार को बनाया जाएगा. शासन प्रशासन द्वारा इसमें सहमति जता दी गई है, जिस तरह से पहले कुर्बानी होती आ रही है, उसी तरह से इस बार भी कुर्बानी की जाएगी. जबकि हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि जो शासन के आदेश निर्देश है, उसके अनुसार सारी व्यवस्थाएं होनी चाहिए, उसमें कोई कोताही नहीं होगी.

ईद के त्योहार को लेकर व्यवस्था

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प्रेसिडेंट शाही ईदगाह मस्जिद जेड़ हसन ने कहा कि बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सबसे पहले यह बात क्लियर कर दी थी कि जिस प्रकार से कुर्बानी होती चली आ रही है ,उसी प्रकार से कुर्बानी होगी, इसमें नया कुछ भी नहीं होगा. कुर्बानी पर किसी प्रकार की कोई रोक-टोक नहीं है.

सचिव शाही ईदगाह मस्जिद अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि जो भी शासन-प्रशासन का आदेश है, उसका हम पूर्णता पालन करते हैं और करते आए हैं. यहां पर जिस प्रकार से त्यौहार बनते रहे हैं. उसी प्रकार से त्यौहार मनाए जाएंगे. कोई भी जो प्रतिबंधित जानवर है. उसकी कुर्बानी नहीं की जाएगी और ना ही कभी मथुरा में की गई है. मथुरा शांत नगरी है. सभी समाज के लोग सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्यौहार मनाते हैं और 10 जुलाई को भी शांति से ईद का त्यौहार मनाया जाएगा.

वहीं, श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि ,प्रशासन संवैधानिक और व्यवस्था के दिशानिर्देश चलता है. उनके मथुरा प्रशासन का कहना है कि जो संवैधानिक व्यवस्थाएं हैं, जो शासन के निर्देश है. उसके अनुसार सारी व्यवस्थाएं की जाएगी, उसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए.

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