मथुरा: इस बार धार्मिक आयोजनों और त्योहारों पर कोरोना वायरस का असर साफ दिख रहा है. लिहाजा बारह-तेरह अगस्त की मध्यरात्रि जन्माष्टमी का पर्व भक्त हर्षोल्लास के साथ नहीं मना पाएंगे. मंदिर परिसर में जन्मोत्सव कार्यक्रम होंगे, लेकिन दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं का प्रवेश मंदिर में वर्जित है. वहीं जन्माष्टमी पर्व को लेकर मुस्लिम कारीगर शहर के डींग गेट इलाके में ठाकुर जी की रंग बिरंगी पोशाकें बना रहे हैं. हालांकि कोविड-19 का असर कारीगरों के कारोबार पर भी पड़ा है.
मथुरा शहर के डींग गेट इलाके में मुस्लिम कारीगर भगवान श्री कृष्ण की पोशाकें तैयार करने में लगे हैं. कोरोना के दस्तक देने से पहले जन्माष्टमी पर्व को लेकर इन कारीगरों को लाखों रुपये के आर्डर मिलते थे. मथुरा से बनी हुई पोशाक तैयार होने के बाद वृंदावन मंडी पर जाती थी और उसके बाद वही पोशाकें अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में निर्यात की जाती थी, लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते कारीगरों को पोशाक बनाने का ऑर्डर नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में चार से पांच कारीगर ही मथुरा वृंदावन के लिए ठाकुर जी की पोशाकें तैयार कर रहे हैं.
कारीगर मोहसिन ने बताया कि यहां से बनी हुई ठाकुर जी की पोशाक पहले वृंदावन मंडी में जाती हैं, उसके बाद पूरे देश और विदेशों में भी सप्लाई की जाती हैं. कोविड-19 के चलते इस बार पोशाक बनाने का आर्डर नहीं मिला है. वहीं कारीगर इमरान ने बताया कि ठाकुर जी की पोशाक बनाने का काम कई दशकों से करते आ रहे हैं. जन्माष्टमी महोत्सव को लेकर हम ठाकुर जी की पोशाक तैयार कर रहे हैं, लेकिन इस बार हमारे कारोबार पर भी कोरोना वायरस का असर पड़ा है.