मथुरा : भारत की सबसे पतली हथिनी(लक्ष्मी) को न्यायालय के आदेश के बाद गुरुवार को मथुरा हाथी संरक्षण केंद्र अस्पताल में लाया गया. इस हथिनी का उपचार कुशल डॉक्टरों की टीम के नेतृत्व में किया जाएगा. दिव्यांग हथिनी(लक्ष्मी) का इस्तेमाल उसका मालिक पिछले 30 वर्षों से सड़क पर भीख मंगवाने के लिए कर रहा था. हथिनी का मालिक उसके साथ दुर्व्यवहार भी करता था. एक स्थानीय पशु प्रेमी श्रीएस जैन की शिकायत पर मध्य प्रदेश राज्य के वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए इस हथनी को जप्त किया था.
एमपी वन विभाग द्वारा जप्त की गई दिव्यांग हथिनी लक्ष्मी को अब मथुरा एलीफेंट केयर सेंटर में उपचार के लिए भेजा गया है. लक्ष्मी देश की अब तक की सबसे पतली हथिनी है. पशु चिकित्सक डॉक्टर एस.पी. इलिया राजा ने बताया कि दिव्यांग हथिनी जिसका नाम लक्ष्मी है. उसे एमपी के कोर्ट के आदेश के बाद एंबुलेंस से हाथी संरक्षण केंद्र लाया गया है. यह अब तक की सबसे पतली और कमजोर हथिनी है.
दिव्यांग व कमजोर हथिनी को वाइल्डलाइफ एसओएस संस्था(Wildlife SOS Society) के कर्मचारी आज हाथी संरक्षण केंद्र में लेकर आए हैं. हाथी संरक्षण केंन्द्र में दिव्यांग हथिनी का इलाज किया जाएगा. लक्ष्मी पिछले कई वर्षों से लंगड़ापन, गठिया रोग व अन्य बीमारियों से ग्रसित है. न्यायालय का आदेश मिलने के बाद हथिनी लक्ष्मी को हाथी संरक्षण केंद्र मथुरा लाया गया.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप
रेडियोलॉजी और थर्मल इमेजिंग के जरिए होता है हाथियों का इलाज
भारत का एकमात्र हाथी अस्पताल एलीफेंट केयर सेंटर मथुरा जिले के चूरमुरा गांव में स्थित है. वाइल्डलाइफ एसओएस संस्था के पदाधिकारियों द्वारा इस अस्पताल की देखरेख की जाती है. इस अस्पताल में बीमार हाथियों का इलाज डॉक्टरों की कुशल टीम द्वारा किया जाता है. एक्सपर्ट हाथियों का इलाज लेजर थेरेपी, डिजिटल वायरलेस, रेडियोलॉजी और थर्मल इमेजिंग जैसी आधुनिक तकनीक के जरिए करते हैं.