मथुरा: गिरिराज जी की नगरी गोवर्धन के राधाकुंड में अहोई अष्टमी की मध्यरात्रि 12:00 बजे लाखों श्रद्धालुओं ने राधा कुंड में स्नान किया. स्नान पुत्र प्राप्ति की मनोकामना के साथ पति पत्नी एक साथ कुंड में डुबकी लगाते नजर आए. इस कुंड को पुत्र प्राप्ति कुंड भी कहा जाता है. द्वापर युग में इस कुंड का निर्माण स्वयं राधा जी और कृष्ण भगवान ने मिलकर किया था. विशेष स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए. पुलिस बल के साथ पीएसी भी तैनात की गई थी. पर्व पर विदेशी श्रद्धालु भी स्नान करते नजर आए.
अहोई अष्टमी पर विशेष स्नान
जनपद मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर गोवर्धन कस्बा के राधाकुंड जहां अहोई अष्टमी पर्व की मध्य रात्रि 12:00 बजे पति पत्नी एक साथ मिलकर कुंड में स्नान करते नजर आते हैं. इस कुंड को पुत्र प्राप्ति कुंड भी कहा जाता है. मान्यता चली आ रही है कि जिन महिलाओं के सन्तान नही होती वह महिला अपने पति के साथ मिलकर अहोई अष्टमी की मध्य रात्रि इस कुंड मैं स्नान करने से पुत्र की प्राप्ति होती है. सदियों से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है. स्नान करने के लिए हर साल लाखों श्रद्दालु यहां आते हैं विदेशी श्रद्धालु भी मनोकामना पूर्ण करने के लिए यहां पहुंच कर स्नान करते है.
महिला श्रद्धालुओं ने बताया पुत्र प्राप्ति की मनोकामना को लेकर आज अहोई अष्टमी पर राधा कुंड में स्नान किया है. इस कुंड के बारे में बहुत बार लोगों से सुना है कि पति पत्नी एक साथ स्नान करते हैं तो साल भर के भीतर पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है.
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गौरव त्रिपाठी क्षेत्राधिकारी गोवर्धन ने बताया अहोई अष्टमी स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं. पुलिस बल के साथ पीएसी की कंपनी भी तैनात की गई है, कुंड के पास गोताखोर लगाए गए हैं. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो उसको लेकर खास व्यवस्थाएं की गई हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए यहां पहुंचते हैं.