मथुरा: वृंदावन के चंद्रोदय मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व और ठाकुर जी का अभिषेक मनाया जा रहा है. चंद्रोदय मंदिर में रात्रि 10:30 पर ठाकुर जी का अभिषेक किया गया. मंदिर के सेवायत दूध, दही, घी और शक्कर से कान्हा का अभिषेक करते नजर आए. वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर जी का अभिषेक और प्रकट उत्सव 12:00 बजे मनाया गया.
कान्हा की नगरी में यूं मनी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, देखें वीडियो - shri krishna janmashtami
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06:29 August 31
मथुरा में धूम-धाम से मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी.
06:26 August 31
मथुरा के अलग-अलग मंदिरों में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूम-धाम से मनाया गया. श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर में शंख, घंटा, झांज और मजीरें की धुन के साथ कान्हा का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. मंदिर का पूरा प्रांगण कान्हा के जन्मोत्सव की बधाइयां देते समय गूंज उठा.
मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर में शंख, घंटा, झांज और मजीरें की धुन के साथ कान्हा का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. मंदिर का पूरा प्रांगण कान्हा के जन्मोत्सव की बधाइयां देते समय गूंज उठा. मंदिर परिसर के भागवत भवन में दही और शहद के साथ कान्हा का अभिषेक किया गया. रजत कामधेनु गाय के दूध से कान्हा का दुग्धाभिषेक किया गया. दुग्धाभिषेक होने के बाद कान्हा की महाआरती की गई.
भगवान का प्रकट उत्सव
बृज में अपने नटखट कन्हैया के जन्मोत्सव को लेकर पूरे बृजवासी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूम-धाम से मना रहे हैं. श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के भागवत भवन में रात्रि 12:00 बजते ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. ठाकुर जी का दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक करने के बाद वेणु मंजिरिका बंगले में विराजमान कराकर महाआरती की गई. ठाकुर जी ने मोर कुटी पोशाक धारण कर अपने भक्तगणों को दर्शन दिए.
वेणु मंजिरिका पुष्प बंगले में विराजमान
श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के भागवत भवन में जन्माष्टमी के पर्व पर ठाकुर जी वेणु मंजिरिका पुष्प बंगले में विराजमान हुए. मोर्छलासन में विराजमान होकर ठाकुर जी अभिषेक स्थल तक पहुंचे. रजत कमल पुष्प में ठाकुर जी का प्रकट उत्सव और अभिषेक किया गया. रजत कामधेनु स्वरूपा गो प्रतिमा से ठाकुर जी का दुग्धाभिषेक हुआ.
1,008 पुष्प कमल से मनाया गया जन्मोत्सव
जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण का प्रकट उत्सव 1,008 पुष्प कमल से सहत्राचरन से आह्वान किया गया. जन्मोत्सव के समय ढोल, नगाड़े और झांझ की ध्वनि सुनाई दी. मंदिर परिसर के भागवत भवन में रात्रि 11:00 बजे श्री गणेश नवग्रह पूजन शुरू हुआ. रात्रि 12:00 बजे भगवान का प्रकट उत्सव मनाया गया. रात्रि 12:15 पर भगवान की महाआरती हुई. रात्रि 12:40 से 12:50 तक श्रृंगार आरती होने के बाद आम श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.
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मथुरा में धूम-धाम से मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी.
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मथुरा के अलग-अलग मंदिरों में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूम-धाम से मनाया गया. श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर में शंख, घंटा, झांज और मजीरें की धुन के साथ कान्हा का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. मंदिर का पूरा प्रांगण कान्हा के जन्मोत्सव की बधाइयां देते समय गूंज उठा.
मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर में शंख, घंटा, झांज और मजीरें की धुन के साथ कान्हा का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. मंदिर का पूरा प्रांगण कान्हा के जन्मोत्सव की बधाइयां देते समय गूंज उठा. मंदिर परिसर के भागवत भवन में दही और शहद के साथ कान्हा का अभिषेक किया गया. रजत कामधेनु गाय के दूध से कान्हा का दुग्धाभिषेक किया गया. दुग्धाभिषेक होने के बाद कान्हा की महाआरती की गई.
भगवान का प्रकट उत्सव
बृज में अपने नटखट कन्हैया के जन्मोत्सव को लेकर पूरे बृजवासी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूम-धाम से मना रहे हैं. श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के भागवत भवन में रात्रि 12:00 बजते ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. ठाकुर जी का दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक करने के बाद वेणु मंजिरिका बंगले में विराजमान कराकर महाआरती की गई. ठाकुर जी ने मोर कुटी पोशाक धारण कर अपने भक्तगणों को दर्शन दिए.
वेणु मंजिरिका पुष्प बंगले में विराजमान
श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के भागवत भवन में जन्माष्टमी के पर्व पर ठाकुर जी वेणु मंजिरिका पुष्प बंगले में विराजमान हुए. मोर्छलासन में विराजमान होकर ठाकुर जी अभिषेक स्थल तक पहुंचे. रजत कमल पुष्प में ठाकुर जी का प्रकट उत्सव और अभिषेक किया गया. रजत कामधेनु स्वरूपा गो प्रतिमा से ठाकुर जी का दुग्धाभिषेक हुआ.
1,008 पुष्प कमल से मनाया गया जन्मोत्सव
जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण का प्रकट उत्सव 1,008 पुष्प कमल से सहत्राचरन से आह्वान किया गया. जन्मोत्सव के समय ढोल, नगाड़े और झांझ की ध्वनि सुनाई दी. मंदिर परिसर के भागवत भवन में रात्रि 11:00 बजे श्री गणेश नवग्रह पूजन शुरू हुआ. रात्रि 12:00 बजे भगवान का प्रकट उत्सव मनाया गया. रात्रि 12:15 पर भगवान की महाआरती हुई. रात्रि 12:40 से 12:50 तक श्रृंगार आरती होने के बाद आम श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.