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धनगर लिखवाकर लिया गया अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्रः डॉ अंबेडकर अधिवक्ता संघ - dhangar got scheduled caste certificate

मथुरा में डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति क्रमांक 27 पर दर्ज जाति धनगड़ कि कुछ स्वार्थी, अपराधी, जाती माफिया लोग मन मुताबिक समीक्षा कर रहे हैं.

mathura
डीएम को सौंपा ज्ञापन
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Published : Jan 23, 2021, 7:39 PM IST

मथुराः डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ ने अपनी मांगों को लेकर जिला अधिकारी नवनीत चहल को ज्ञापन सौंपा. अधिवक्ताओं का कहना है कि उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति क्रमांक 27 पर दर्ज जाति धनगड़ कि कुछ स्वार्थी, अपराधी, जाती माफिया लोग मन मुताबिक समीक्षा कर रहे हैं. शासन-प्रशासन पर दबाव बनाकर धनगर लिखवा कर अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र ले चुके हैं. जबकि ये लोग अन्य पिछड़े वर्ग की सूची क्रमांक-19 पर दर्ज पाल, बघेल, गडरिया जाति के व्यक्ति हैं.

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गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप
गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र लेने का आरोपडॉ अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ के प्रदेश संयोजक प्रेम प्रकाश ने बताया कि संविधान के आर्टिकल 341 से संबंधित मामला है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में यह मामला चल रहा है. पिछड़ी जाति के व्यक्ति पाल, बघेल, गडरिया जो बैकवर्ड की सूची क्रमांक 19 पर दर्ज हैं और केंद्रीय सूची पर 14 नंबर पर दर्ज हैं. वह लोग उत्तर प्रदेश में धनगड लिखवा कर गलत तरीके से अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र ले रहे हैं. उस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के तमाम संविधान पीठ के फैसले हैं.

संविधान का किया जा रहा उल्लंघन
डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ के प्रदेश संयोजक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के साईं टेशन के आधार पर 19 अप्रैल 2019 को स्टे ऑर्डर है. इसके बावजूद मांट तहसीलदार ने दो सर्टिफिकेट जारी कर दिए हैं. महावन तहसीलदार ने 50 सर्टिफिकेट जारी कर दिए हैं. जिसे लेकर डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ ने रिट दायर की थी, कि यह लोग संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. ये पाल, बघेल, गडरिया बैकवर्ड जाति के हैं . लेकिन असंवैधानिक तरीके से अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र ले रहे हैं. जो इलीगल है. डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

मथुराः डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ ने अपनी मांगों को लेकर जिला अधिकारी नवनीत चहल को ज्ञापन सौंपा. अधिवक्ताओं का कहना है कि उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति क्रमांक 27 पर दर्ज जाति धनगड़ कि कुछ स्वार्थी, अपराधी, जाती माफिया लोग मन मुताबिक समीक्षा कर रहे हैं. शासन-प्रशासन पर दबाव बनाकर धनगर लिखवा कर अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र ले चुके हैं. जबकि ये लोग अन्य पिछड़े वर्ग की सूची क्रमांक-19 पर दर्ज पाल, बघेल, गडरिया जाति के व्यक्ति हैं.

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गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप
गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र लेने का आरोपडॉ अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ के प्रदेश संयोजक प्रेम प्रकाश ने बताया कि संविधान के आर्टिकल 341 से संबंधित मामला है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में यह मामला चल रहा है. पिछड़ी जाति के व्यक्ति पाल, बघेल, गडरिया जो बैकवर्ड की सूची क्रमांक 19 पर दर्ज हैं और केंद्रीय सूची पर 14 नंबर पर दर्ज हैं. वह लोग उत्तर प्रदेश में धनगड लिखवा कर गलत तरीके से अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र ले रहे हैं. उस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के तमाम संविधान पीठ के फैसले हैं.

संविधान का किया जा रहा उल्लंघन
डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ के प्रदेश संयोजक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के साईं टेशन के आधार पर 19 अप्रैल 2019 को स्टे ऑर्डर है. इसके बावजूद मांट तहसीलदार ने दो सर्टिफिकेट जारी कर दिए हैं. महावन तहसीलदार ने 50 सर्टिफिकेट जारी कर दिए हैं. जिसे लेकर डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ ने रिट दायर की थी, कि यह लोग संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. ये पाल, बघेल, गडरिया बैकवर्ड जाति के हैं . लेकिन असंवैधानिक तरीके से अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र ले रहे हैं. जो इलीगल है. डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय अधिवक्ता संघ ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

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