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50 साल बाद बेघर हुए लोगों का छलका दर्ज, कहा-पूर्वजों ने दी थी रेलवे को जमीन

मथुरा में नई बस्ती इलाके में अवैध बने मकानों पर प्रशानस ने बुलडोजर चलवा दिया. जिससे सैकड़ों परिवार बेघर हो गए. लोगों का कहना है कि यह उनके पूर्वजों की जमीन है.

श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास बने अवैध मकानों पर कार्रवाई
श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास बने अवैध मकानों पर कार्रवाई
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Published : Aug 10, 2023, 5:28 PM IST

श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास बने अवैध मकानों पर कार्रवाई

मथुरा: वृंदावन रेल लाइन को मीटर गेज से ब्रॉडगेज में बदलने का कार्य शुरू हो चुका है. जिसके चलते 12 किलोमीटर रेल ट्रैक पर रेलवे की जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जा रही है. जिसके लिए रेलवे द्वारा अवैध अतिक्रमण कर रह रहे लोगों को पूर्व में ही नोटिस जारी किए जा चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद भी अवैध रूप से रह रहे लोगों द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया गया. इसीलिए बुधवार को रेलवे के आला अधिकारी सुबह अचानक आरपीएफ, जीआरपी, सिविल पुलिस, पीएसी एलआईयू और नगर निगम की टीम को लेकर अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंच गए.

श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास बने अवैध मकानों पर कार्रवाई

जिसमें 30 से 40 घरों पर बुलडोजर चला कर उन्हें जमीदोज कर दिया गया. इसके बाद लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए दो दिन का समय दिया गया है. वहीं, अधिक समय की मांग को लेकर मुस्लिम पक्ष के लोग जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह जमीन हमारे पूर्वजों की है, जिनके द्वारा रेलवे को यह जमीन दान में दी गई थी. लेकिन, आज तानाशाह रवैया अपने आते हुए जमीन को खाली कराया जा रहा है. प्रशासन से घरों को खाली करने के लिए और समय मांग रहे हैं.

घरों में लगे लाइट मीटर उखाड़ लेकर जाता युवक
घरों में लगे लाइट मीटर उखाड़ लेकर जाता युवक

वहीं, बेघर हुए लोगों ने कहा कि शहर की नई बस्ती इलाके में करीब 2 किलोमीटर तक 50 साल पहले रहने की अनुमति दी गई थी. जिसके बाद वह गरीब असहाय लोग धीरे- धीरे मेहनत मजदूरी कर मकान बनाकर रहने लगे. इसके बाद बिजली विभाग के अधिकारियों ने उनके क्षेत्र में बिजली कनेक्शन जारी कर दिया. इसी के साथ नगर निगम के द्वारा मकान शुल्क भी वसूला गया. परेशान लोगों ने कहा कि जब नई बस्ती इलाके में रेलवे विभाग की जमीन है, तो उसे स्थान पर गरीब परिवारों को बसने की अनुमति क्यों दी गई. इन गरीब परिवार के लोगों को बिजली के कनेक्शन और नगर निगम द्वारा शुल्क क्यों वसूला गया था. 50 वर्ष रहने के बाद अब प्रशासन हमारे आशियानों पर बुलडोजर चला रहा है. पीड़ितों ने बताया कि करीब 500 से ज्यादा परिवार बेघर हो गए हैं. अधिकारियों की गलती का खामियाजा गरीब लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

मकान टूटने से परेशान लोग
मकान टूटने से परेशान लोग

वहीं, महराज अली ने कहा कि उनकी पीढ़ियां बदल चुकी है, यहां रहते हुए. यह जमीन भी उनके पूर्वज की थी. उन्होंने यह जमीन रेलवे को दान में दी गई थी. यहां तक की रेलवे ने उनको मुआवजा भी नहीं दिया था. महराज अली ने आगे कहा कि यह अंधी गूंगी बहरी सरकार चल रही है. इस सरकार में नागरिकों का हनन हो रहा है, उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है. डीएम कार्यालय के बाहर मौजूद महराज ने कहा कि हम किसी भी सरकारी कार्य में बाधा नहीं डाल रहे हैं, लेकिन लोग इस जगह पर इतने सालों से जमे हुए है. उनके मकानों को मलवा हटाने के लिए समय देने की जिलाधिकारी के मांग कर रहे हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि जो लोग बेघर हुए हैं, सरकार उन्हे दूसरी जगह रहने की जगर उपलब्द कराए. यह सरकार का दायित्व है.

ट्रैक्टर से भरा घराों का सामान
ट्रैक्टर से भरा घराों का सामान

अकरम ने बताया कि अब तक 40 से 50 मकान तोड़े जा चुके हैं, आधे अभी तोड़ने से छोड़ दिए हैं. उन्हें 2 दिन का समय दिया गया है. लोगों अपना सामान हटाने के लिए जिलाधिकारी से 15 दिन का समय मांग रहे है. यहां रहने वाले लोग गरीब हैं मेहनत मजदूरी करते हैं. इनके लिए दूसरे स्थान पर जिलाधिकारी को मकान की व्यवस्था करनी चाहिए. अकरम का कहना है कि यह जमीन उनके पूर्वजों की है, उन्होंने रेलवे को दान दी थी. उल्टा रेलवे आज हमें हटाने की कोशिश कर रहा है. इसीलिए प्रशासन से मांग है कि 15 दिन का समय दिया जाए, जिससे बेघर हुए लोग अपने घरों को मलबा दूसरे स्थान पर ले जा सकें.

मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स
मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स

यह भी पढ़ें: आगरा की जामा मस्जिद को लेकर एक और वाद दायर, मस्जिद की सीढ़ियां खुदवाने की मांग

यह भी पढ़ें: मथुरा में 150 अवैध मकानों पर चला बुलडोजर, रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा कर रह रहे थे लोग

श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास बने अवैध मकानों पर कार्रवाई

मथुरा: वृंदावन रेल लाइन को मीटर गेज से ब्रॉडगेज में बदलने का कार्य शुरू हो चुका है. जिसके चलते 12 किलोमीटर रेल ट्रैक पर रेलवे की जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जा रही है. जिसके लिए रेलवे द्वारा अवैध अतिक्रमण कर रह रहे लोगों को पूर्व में ही नोटिस जारी किए जा चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद भी अवैध रूप से रह रहे लोगों द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया गया. इसीलिए बुधवार को रेलवे के आला अधिकारी सुबह अचानक आरपीएफ, जीआरपी, सिविल पुलिस, पीएसी एलआईयू और नगर निगम की टीम को लेकर अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंच गए.

श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास बने अवैध मकानों पर कार्रवाई

जिसमें 30 से 40 घरों पर बुलडोजर चला कर उन्हें जमीदोज कर दिया गया. इसके बाद लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए दो दिन का समय दिया गया है. वहीं, अधिक समय की मांग को लेकर मुस्लिम पक्ष के लोग जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह जमीन हमारे पूर्वजों की है, जिनके द्वारा रेलवे को यह जमीन दान में दी गई थी. लेकिन, आज तानाशाह रवैया अपने आते हुए जमीन को खाली कराया जा रहा है. प्रशासन से घरों को खाली करने के लिए और समय मांग रहे हैं.

घरों में लगे लाइट मीटर उखाड़ लेकर जाता युवक
घरों में लगे लाइट मीटर उखाड़ लेकर जाता युवक

वहीं, बेघर हुए लोगों ने कहा कि शहर की नई बस्ती इलाके में करीब 2 किलोमीटर तक 50 साल पहले रहने की अनुमति दी गई थी. जिसके बाद वह गरीब असहाय लोग धीरे- धीरे मेहनत मजदूरी कर मकान बनाकर रहने लगे. इसके बाद बिजली विभाग के अधिकारियों ने उनके क्षेत्र में बिजली कनेक्शन जारी कर दिया. इसी के साथ नगर निगम के द्वारा मकान शुल्क भी वसूला गया. परेशान लोगों ने कहा कि जब नई बस्ती इलाके में रेलवे विभाग की जमीन है, तो उसे स्थान पर गरीब परिवारों को बसने की अनुमति क्यों दी गई. इन गरीब परिवार के लोगों को बिजली के कनेक्शन और नगर निगम द्वारा शुल्क क्यों वसूला गया था. 50 वर्ष रहने के बाद अब प्रशासन हमारे आशियानों पर बुलडोजर चला रहा है. पीड़ितों ने बताया कि करीब 500 से ज्यादा परिवार बेघर हो गए हैं. अधिकारियों की गलती का खामियाजा गरीब लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

मकान टूटने से परेशान लोग
मकान टूटने से परेशान लोग

वहीं, महराज अली ने कहा कि उनकी पीढ़ियां बदल चुकी है, यहां रहते हुए. यह जमीन भी उनके पूर्वज की थी. उन्होंने यह जमीन रेलवे को दान में दी गई थी. यहां तक की रेलवे ने उनको मुआवजा भी नहीं दिया था. महराज अली ने आगे कहा कि यह अंधी गूंगी बहरी सरकार चल रही है. इस सरकार में नागरिकों का हनन हो रहा है, उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है. डीएम कार्यालय के बाहर मौजूद महराज ने कहा कि हम किसी भी सरकारी कार्य में बाधा नहीं डाल रहे हैं, लेकिन लोग इस जगह पर इतने सालों से जमे हुए है. उनके मकानों को मलवा हटाने के लिए समय देने की जिलाधिकारी के मांग कर रहे हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि जो लोग बेघर हुए हैं, सरकार उन्हे दूसरी जगह रहने की जगर उपलब्द कराए. यह सरकार का दायित्व है.

ट्रैक्टर से भरा घराों का सामान
ट्रैक्टर से भरा घराों का सामान

अकरम ने बताया कि अब तक 40 से 50 मकान तोड़े जा चुके हैं, आधे अभी तोड़ने से छोड़ दिए हैं. उन्हें 2 दिन का समय दिया गया है. लोगों अपना सामान हटाने के लिए जिलाधिकारी से 15 दिन का समय मांग रहे है. यहां रहने वाले लोग गरीब हैं मेहनत मजदूरी करते हैं. इनके लिए दूसरे स्थान पर जिलाधिकारी को मकान की व्यवस्था करनी चाहिए. अकरम का कहना है कि यह जमीन उनके पूर्वजों की है, उन्होंने रेलवे को दान दी थी. उल्टा रेलवे आज हमें हटाने की कोशिश कर रहा है. इसीलिए प्रशासन से मांग है कि 15 दिन का समय दिया जाए, जिससे बेघर हुए लोग अपने घरों को मलबा दूसरे स्थान पर ले जा सकें.

मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स
मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स

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