मथुरा: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के चलते देश दुनिया भर में लॉकडाउन लगा दिया गया था, जिसके चलते लाखों लोगों के रोजगार छिन गए. लेकिन उत्तर प्रदेश के मथुरा की रहने वाली अनुराधा शर्मा के लिए लॉकडाउन अभिशाप नहीं, बल्कि वरदान साबित हुआ है.
जानकारी देतीं अनुराधा शर्मा लॉकडाउन में कोचिंग हुई बंदशहर के लाल दरवाजा निवासी अनुराधा शर्मा प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने के बाद घर पर बच्चों को कोचिंग भी पढ़ाती थी. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लगा दिया गया, जिसके बाद अनुराधा शर्मा की प्राइवेट नौकरी छिन जाने के बाद उसनकी कोचिंग भी बंद हो गई.
लॉकडाउन बना वरदानलॉकडाउन के दौरान अनुराधा ने अपने घर पर एक नर्सरी तैयार की, जिसमें आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के साथ ही आयुर्वेदिक हर्बल प्रोडक्ट तैयार करने लगी. कुछ दिन बाद ही अनुराधा ने स्किन केयर कंपनी शुरु की. अनुराधा ने अपने घर के छत पर ही छोटी सी नर्सरी स्थापित की है, जिसमें एलोवेरा, नीम, तुलसी ,गुलाब और गेंदे के पौधे लगा रखे हैं.
आयुर्वेदिक हर्बल प्रोडक्ट से हो रही इनकमघर बैठे अनुराधा शर्मा आयुर्वेदिक हर्बल प्रोडक्ट तैयार कर रही हैं, जिसमें आयुर्वेदिक क्रीम,साबुन,स्किन केअर लोशन, बॉडी लोशन, शैंपू सहित कई प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं. अनुराधा को ऑनलाइन आर्डर भी मिलने लगे हैं. अनुराधा हर महीने पंद्रह से बीस हजार रुपये की बचत कर लेती हैं.अनुराधा शर्मा ने बताया कि देश दुनिया भर में लॉक डाउन लग गया था, जिसे मैंने काफी पॉजिटिव लिया. घर में सभी सदस्यों से सलाह मशविरा करने के बाद आयुर्वेदिक प्रोडक्ट बनाने के लिए नर्सरी स्थापित की, जिसमें एलोवेरा, नीम, तुलसी और फूलों के पौधे लगाए गए. इन पौधों से हर्बल प्रोडक्ट तैयार किया गया. क्योंकि बाजार में केमिकल युक्त स्किन केअर यूज़ करने से साइड इफेक्ट हो जाते हैं. इसलिए मैंने आयुर्वेदिक हर्बल प्रोडक्ट का उत्पादन किया. आज उसका अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. आमदनी का स्रोत भी मिल गया है. लॉकडाउन मेरे लिए अभिशाप नहीं वरदान साबित हुआ है.अनुराधा के ससुर राधा रमन शर्मा ने बताया कि अनुराधा को पढ़ने का काफी शौक है. हर रोज वह आयुर्वेदिक किताबें पढ़ती है. लॉकडाउन के समय का उपयोग करने के बाद उसने अपनी स्किन केयर कंपनी खोली और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट तैयार करके लोगों को सामान पहुंचाती है, जिससे आमदनी भी अच्छी होती है.