ETV Bharat / state

मैनपुरी: कोरोना काल में ट्रांसपोर्ट कारोबारी भुखमरी की कगार पर - मैनपुरी परिवहन विभाग

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में कोरोना महामारी का असर ट्रांसपोर्ट कारोबारियों पर पड़ा है. हालात यह हैं कि लंबे समय से ट्रक खड़े हैं. ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं है. ऐसे में यदि वक्त रहते सरकार ने राहत नहीं दी तो ट्रांसपोर्ट कारोबारी भुखमरी की कगार पर होंगे.

मैनपुरी न्यूज
मैनपुरी में ट्रांसपोर्ट कारोबार
author img

By

Published : Jun 15, 2020, 2:04 AM IST

मैनपुरी: जिले में कोरोना काल में दूसरे राज्यों से माल सप्लाई की मांग घटी है, जिसका खासा असर ट्रांसपोर्ट कारोबारियों पर पड़ा है. हालात यह हैं कि लंबे समय तक ट्रक खड़े रहते हैं. ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि भाड़ा इतना सस्ता है कि खर्चे नहीं निकलते हैं. डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं है. ऐसे में यदि वक्त रहते सरकार ने राहत नहीं दी तो ट्रांसपोर्ट कारोबारी भुखमरी की कगार पर होंगे.

मैनपुरी जिले में शहर से गुजरते हुए बाईपास रोड पर ट्रांसपोर्ट के ऑफिस नजर आएंगे, लेकिन लोगों का आना जाना नहीं होगा. ऑफिस के सामने ट्रक खड़े मिल जाएंगे, लेकिन लगभग हर ट्रांसपोर्ट ऑफिस की यही बात है. ईटीवी भारत की टीम ने रविवार को इन ट्रांसपोर्टर्स से बात की और यह जानने की कोशिश की कि क्या कारण है जो ये गाड़ियां खड़ी हैं?

कारोबारियों से बातचीत करते संवाददाता.

इस दौरान ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि सरकार की बेरुखी के चलते मौजूदा स्थिति में हम भुखमरी की कगार पर हैं. अधिकतर हमारी गाड़ियां फाइनेंस पर हैं. लॉकडाउन में गैर राज्यों से जो डिमांड थी, वह घटकर न के बराबर रह गई है. मैनपुरी जिले से मक्का और धान सबसे अधिक इन ट्रकों द्वारा भेजी जाती थी, जिसमें ठीक-ठाक हमारा कारोबार चलता रहता था.

ट्रांसपोर्टर्स ने कहा कि इस लॉकडाउन में कारोबार पूरी तरह बंद हो गया. अब हम गाड़ियों की किस्त भरें या सरकार को टैक्स दें. अन्य खर्चे भी हैं. अब कारोबार बंद होने से गाड़ियां ट्रांसपोर्ट नहीं हो रही हैं, जिस वजह से भाड़े नहीं मिल रहे हैं. डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में खरीदार नहीं है. लॉकडाउन में किस्त पर ब्याज तक माफ नहीं किया, न ही टैक्स माफ किया गया. जब हमारी गाड़ी नहीं चल रही है तो हम टैक्स और किस्त कहां से दे पाएंगे.

ये भी पढ़ें- मैनपुरी: चुनावी रंजिश में चली गोलियां, दो घायल

मैनपुरी: जिले में कोरोना काल में दूसरे राज्यों से माल सप्लाई की मांग घटी है, जिसका खासा असर ट्रांसपोर्ट कारोबारियों पर पड़ा है. हालात यह हैं कि लंबे समय तक ट्रक खड़े रहते हैं. ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि भाड़ा इतना सस्ता है कि खर्चे नहीं निकलते हैं. डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं है. ऐसे में यदि वक्त रहते सरकार ने राहत नहीं दी तो ट्रांसपोर्ट कारोबारी भुखमरी की कगार पर होंगे.

मैनपुरी जिले में शहर से गुजरते हुए बाईपास रोड पर ट्रांसपोर्ट के ऑफिस नजर आएंगे, लेकिन लोगों का आना जाना नहीं होगा. ऑफिस के सामने ट्रक खड़े मिल जाएंगे, लेकिन लगभग हर ट्रांसपोर्ट ऑफिस की यही बात है. ईटीवी भारत की टीम ने रविवार को इन ट्रांसपोर्टर्स से बात की और यह जानने की कोशिश की कि क्या कारण है जो ये गाड़ियां खड़ी हैं?

कारोबारियों से बातचीत करते संवाददाता.

इस दौरान ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि सरकार की बेरुखी के चलते मौजूदा स्थिति में हम भुखमरी की कगार पर हैं. अधिकतर हमारी गाड़ियां फाइनेंस पर हैं. लॉकडाउन में गैर राज्यों से जो डिमांड थी, वह घटकर न के बराबर रह गई है. मैनपुरी जिले से मक्का और धान सबसे अधिक इन ट्रकों द्वारा भेजी जाती थी, जिसमें ठीक-ठाक हमारा कारोबार चलता रहता था.

ट्रांसपोर्टर्स ने कहा कि इस लॉकडाउन में कारोबार पूरी तरह बंद हो गया. अब हम गाड़ियों की किस्त भरें या सरकार को टैक्स दें. अन्य खर्चे भी हैं. अब कारोबार बंद होने से गाड़ियां ट्रांसपोर्ट नहीं हो रही हैं, जिस वजह से भाड़े नहीं मिल रहे हैं. डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में खरीदार नहीं है. लॉकडाउन में किस्त पर ब्याज तक माफ नहीं किया, न ही टैक्स माफ किया गया. जब हमारी गाड़ी नहीं चल रही है तो हम टैक्स और किस्त कहां से दे पाएंगे.

ये भी पढ़ें- मैनपुरी: चुनावी रंजिश में चली गोलियां, दो घायल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.