मैनपुरी: शहर के एक निजी होटल में समाजवादी पार्टी के व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष संजय गर्ग पहुंचे. वहां उन्होंने कहा कि पहले तो व्यापारी को नोटबंदी ने मारा, उसके बाद जीएसटी की विसंगतियां और फिर कोविड-19 का लॉकडाउन व्यापारियों को ले डूबा. यह सरकार व्यापारियों का शोषण कर रही है. आने वाले 2022 के चुनाव में ऐसी सरकार को यह व्यापारी ही सबक सिखाएंगे.
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'व्यापारी है डरा हुआ'
ईटीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैनपुरी में व्यापारी चौपाल लगाई गई है. शहर के सभी प्रतिष्ठित व्यापारी इसमें शामिल हुए. इसमें हमने उनकी समस्या जानने की कोशिश की. पूरे प्रदेश में हम व्यापारी चौपाल कर रहे हैं. चौपाल के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि व्यापारी वर्ग की समस्याएं जानी जा सकें. व्यापारी बहुत आतंकित है, डरा हुआ है, सहमा है. बदले की भावना से सत्ता पक्ष के लोग काम कर रहे हैं. उस वजह से वह बोल नहीं पा रहा है.
'लॉकडाउन ने तोड़ी कमर'
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 4 साल की उपलब्धियों की जश्न की तैयारियां चल रही हैं लेकिन प्रदेश बर्बादी की कगार पर है. 45 साल में पहली बार प्रदेश में नौजवान बेरोजगार हुआ है. नवंबर से अब तक घरेलू गैस पर 200 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. कोई भी संवेदना मौजूदा सरकार के अंदर नहीं है. साथ ही देश का किसान जो कि अन्नदाता है वो राजधानी के बॉर्डर पर हक की लड़ाई रहा है.
'दुकानें हो जाएंगी समाप्त'
2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी और कार्यकर्ता इनको सबक सिखाने का कार्य करेंगे. चौपाल के माध्यम से व्यापारियों से हम उनका दर्द पूछ रहे हैं. कपड़ा व्यापारी जहां कोई भी टैक्स नहीं देता था. अब उसके ऊपर टैक्स लगा दिया गया है. तमाम व्यापारियों का आरोप है कि मौजूदा वक्त में रिश्वत का गोरखधंधा बड़ा है. इंस्पेक्टर राज बड़ा है. कई रास्ते और नियम बता कर उन्हें परेशान किया जा रहा है. व्यापारी मौजूदा वक्त की बीजेपी सरकार से बहुत ही परेशान है. सरकार की नीतियों ने छोटे व्यापारियों की कमर तोड़ने का काम किया है. खुद नीति आयोग के चेयरमैन अभिकांत सहाय का कहना है कि 2023 तक मोहल्ला लेवल की दुकानें समाप्त कर दी जाएगी.