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मेरठ में 'No Helmet No Fuel' कैंपेन की निकली हवा, वाहन चालक और पंप कर्मी दोनों करते दिखे नियमों की अनदेखी - NO HELMET NO FUEL CAMPAIGN

Reality check; पेट्रोल पंप के कर्मचारी ही लगा रहे नो हेलमेट नो फ्यूल अभियान का पलीता, जिम्मेदारों के दावे हवा हवाई, निगरानी कागजों तक सीमित

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मेरठ के पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट लगाए तेल लेते ग्राहक (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 14, 2025, 6:55 PM IST


मेरठ: पूरे उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से पूर्ति विभाग की ओर से नो हेलमेट नो फ्यूल अभियान की शुरुआत की गई है. जिसको सभी जिलों में लागू किया जा रहा है. मेरठ में इस कैंपेन को व्यापक स्तर पर शहर में शुरू किया गया है. जिसमें पंप कर्मचारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि बिना हेलमेट के किसी दोपहिया वाहन चालक को पेट्रोल न दिया जाए. लेकिन ईटीवी भारत की Reality check में इस नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ती दिखी. अब इसे मेरठ के अफसरों की लापरवाही कहें या फिर पेट्रोल पंप संचालकों की ज्यादा तेल बेचने की मजबूरी, यहां ये नियम कारगर होते नहीं दिखे.

बता दें कि बीते दिनों सड़क सुरक्षा को लेकर मेरठ में जिलापूर्ति विभाग की ओर से निर्णय लिया गया था कि बिना हेलमेट किसी भी पेट्रोल पंप पर कोई भी दोपहिया वाहन चालक पेट्रोल नहीं डलवा सकेगा. इस नियम का पेट्रोल पंपों पर कड़ाई से पालन करने के लिए लखनऊ में बैठे शीर्ष अफसरों की तरफ से कड़े निर्देश दिए गये थे. लेकिन कई दिन बाद भी मेरठ में कोई बदलाव होता दिखाई नहीं दे रहा है. हालांकी अधिकारी नियम का पालन करने के निर्देश दूसरे विभाग को जरूर दे रहे हैं.

पेट्रोल पंपों पर चलता हुआ 'No Helmet No Fuel' अभियान (Video Credit; ETV Bharat)

ईटीवी भारत ने मेरठ शहर के कई पेट्रोल पंपों पर जाकर वहां “नो हेलमेट नो पेट्रोल ” अभियान की जमीनी हकीकत को परखने की कोशिश की. लेकिन मौके पर बहुत ज्यादा बदलाव होता कहीं नजर नहीं आया. जबकी जिला मुख्यालय से महज 50 मीटर की दूरी पर ही एक पेट्रोल पंप स्थित है. तो वहीं तीन पेट्रोल पंप एक किलोमीटर के ही दायरे में हैं. लेकिन डीएम के निर्देश के बाद जिलापूर्ति विभाग की ओर से दिए गये निर्देश का कहीं भी सख्ती से पालन नहीं हो रहा. हालांकी पेट्रोल पंपों में 'नो हेलमेट नो पेट्रोल' के होर्डिंग जरुर रस्म अदायगी के लिए लगे दिखे.

“नो हेलमेट नो पेट्रोल ” कैंपेन को लेकर कई दोपहिया वाहन चालकों से बातचीत की गई जिसमें वो बताते नजर आए कि उन्हें ऐसे किसी नियम की जानकारी नहीं थी, अब आगे से वो हेलमेट लगाकर निकलेंगे. वहीं इस अभियान को लेकर मेरठ में वरिष्ठ एआरटीओ प्रवर्तन आरवी कर्दम ने बताया कि, इस बारे में 8 जनवरी को निर्देश जिला पूर्ति विभाग को दिए गये थे. उन्होंने बताया कि अब इस विषय में पालन कराने की जिम्मेदारी जिलापूर्ति विभाग को सौंपा गई हैं. ताकि एक्सीडेंट में कमी आ सके.

वहीं मेरठ के जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार का कहना है कि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की तरफ से इस बारे में निर्देश दिए गये थे कि सड़क सुरक्षा को लेकर शहरी क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर ये सुनिश्चित किया जाए कि हेलमेट नहीं लगाने वाले वाहन चालक को पेट्रोल न दिया जाए. कुमार ने ये भी कहा कि इस बारे में डीएम ने भी बैठक करके निर्देश दिए थे. पेट्रोल पंपों पर इसको लेकर बैनर भी लगवाए गये हैं. उनका दावा है कि इसका असर भी देखने को मिल रहा है. जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि स्पष्ट निर्देश दिए गये हैं कि जो नियम न मानें उन्हें पेट्रोल न दिया जाए.

मेरठ जिले की बात करें तो जिले में करीब 210 पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से सिर्फ शहरी क्षेत्र की बात करें तो यहां लगभग सौ पेट्रोल पंप हैं. जिले के अफसर तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार के मुताबिक ये भी निर्देश दिया गया है कि अगर कोई बिना हेलमेट के पेट्रोल पंप पर दोपहिया वाहन लेकर पहुंचता है और इस नियम को लेकर आपत्ति दर्ज करता है तो उनके वाहन का नंबर लिख लें और उन्हें संबंधित विभाग को भेज दें. विभाग फिर अपने स्तर से ऐसे लोगों पर एक्शन लेगा. बता दें कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 29 के तहत बाइक, स्कूटर, मोपेड आदि दोपहिया चलाने वाले को हेलमेट पहनना जरूरी है.

यह भी पढ़ें: पुलिस चौकी की छत पर पतंग लेने चढ़ी 11 वर्षीय मासूम की करंट से मौत


मेरठ: पूरे उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से पूर्ति विभाग की ओर से नो हेलमेट नो फ्यूल अभियान की शुरुआत की गई है. जिसको सभी जिलों में लागू किया जा रहा है. मेरठ में इस कैंपेन को व्यापक स्तर पर शहर में शुरू किया गया है. जिसमें पंप कर्मचारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि बिना हेलमेट के किसी दोपहिया वाहन चालक को पेट्रोल न दिया जाए. लेकिन ईटीवी भारत की Reality check में इस नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ती दिखी. अब इसे मेरठ के अफसरों की लापरवाही कहें या फिर पेट्रोल पंप संचालकों की ज्यादा तेल बेचने की मजबूरी, यहां ये नियम कारगर होते नहीं दिखे.

बता दें कि बीते दिनों सड़क सुरक्षा को लेकर मेरठ में जिलापूर्ति विभाग की ओर से निर्णय लिया गया था कि बिना हेलमेट किसी भी पेट्रोल पंप पर कोई भी दोपहिया वाहन चालक पेट्रोल नहीं डलवा सकेगा. इस नियम का पेट्रोल पंपों पर कड़ाई से पालन करने के लिए लखनऊ में बैठे शीर्ष अफसरों की तरफ से कड़े निर्देश दिए गये थे. लेकिन कई दिन बाद भी मेरठ में कोई बदलाव होता दिखाई नहीं दे रहा है. हालांकी अधिकारी नियम का पालन करने के निर्देश दूसरे विभाग को जरूर दे रहे हैं.

पेट्रोल पंपों पर चलता हुआ 'No Helmet No Fuel' अभियान (Video Credit; ETV Bharat)

ईटीवी भारत ने मेरठ शहर के कई पेट्रोल पंपों पर जाकर वहां “नो हेलमेट नो पेट्रोल ” अभियान की जमीनी हकीकत को परखने की कोशिश की. लेकिन मौके पर बहुत ज्यादा बदलाव होता कहीं नजर नहीं आया. जबकी जिला मुख्यालय से महज 50 मीटर की दूरी पर ही एक पेट्रोल पंप स्थित है. तो वहीं तीन पेट्रोल पंप एक किलोमीटर के ही दायरे में हैं. लेकिन डीएम के निर्देश के बाद जिलापूर्ति विभाग की ओर से दिए गये निर्देश का कहीं भी सख्ती से पालन नहीं हो रहा. हालांकी पेट्रोल पंपों में 'नो हेलमेट नो पेट्रोल' के होर्डिंग जरुर रस्म अदायगी के लिए लगे दिखे.

“नो हेलमेट नो पेट्रोल ” कैंपेन को लेकर कई दोपहिया वाहन चालकों से बातचीत की गई जिसमें वो बताते नजर आए कि उन्हें ऐसे किसी नियम की जानकारी नहीं थी, अब आगे से वो हेलमेट लगाकर निकलेंगे. वहीं इस अभियान को लेकर मेरठ में वरिष्ठ एआरटीओ प्रवर्तन आरवी कर्दम ने बताया कि, इस बारे में 8 जनवरी को निर्देश जिला पूर्ति विभाग को दिए गये थे. उन्होंने बताया कि अब इस विषय में पालन कराने की जिम्मेदारी जिलापूर्ति विभाग को सौंपा गई हैं. ताकि एक्सीडेंट में कमी आ सके.

वहीं मेरठ के जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार का कहना है कि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की तरफ से इस बारे में निर्देश दिए गये थे कि सड़क सुरक्षा को लेकर शहरी क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर ये सुनिश्चित किया जाए कि हेलमेट नहीं लगाने वाले वाहन चालक को पेट्रोल न दिया जाए. कुमार ने ये भी कहा कि इस बारे में डीएम ने भी बैठक करके निर्देश दिए थे. पेट्रोल पंपों पर इसको लेकर बैनर भी लगवाए गये हैं. उनका दावा है कि इसका असर भी देखने को मिल रहा है. जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि स्पष्ट निर्देश दिए गये हैं कि जो नियम न मानें उन्हें पेट्रोल न दिया जाए.

मेरठ जिले की बात करें तो जिले में करीब 210 पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से सिर्फ शहरी क्षेत्र की बात करें तो यहां लगभग सौ पेट्रोल पंप हैं. जिले के अफसर तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार के मुताबिक ये भी निर्देश दिया गया है कि अगर कोई बिना हेलमेट के पेट्रोल पंप पर दोपहिया वाहन लेकर पहुंचता है और इस नियम को लेकर आपत्ति दर्ज करता है तो उनके वाहन का नंबर लिख लें और उन्हें संबंधित विभाग को भेज दें. विभाग फिर अपने स्तर से ऐसे लोगों पर एक्शन लेगा. बता दें कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 29 के तहत बाइक, स्कूटर, मोपेड आदि दोपहिया चलाने वाले को हेलमेट पहनना जरूरी है.

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