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मैनपुरी: निजीकरण के विरोध में 4 दिन से धरने पर बैठे हैं बिजली विभाग के कर्मचारी - मैनपुरी न्यूज

यूपी के मैनपुरी जिले में निजीकरण के विरोध में विद्युत विभाग के कर्मचारी 4 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं. कर्मचारियों का कहना था कि प्रदेश की सरकार हिटलरशाही पर उतर आयी है. कर्मचारी 4 दिन से धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही है.

 निजीकरण के विरोध में 4 दिन से धरने पर बैठे हैं विद्युत विभाग के कर्मचारी.
निजीकरण के विरोध में 4 दिन से धरने पर बैठे हैं विद्युत विभाग के कर्मचारी.
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Published : Oct 4, 2020, 10:26 AM IST

मैनपुरी : बिजली विभाग के निजीकरण का विरोध पूरे प्रदेश में चल रहा है. हर जिले में विद्युत विभाग के कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. मैनपुरी जिले में भी निजीकरण के विरोध में विद्युत विभाग के कर्मचारी 4 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि प्रदेश की सरकार हिटलरशाही पर उतर आयी है. उनका कहना था कि वो 4 दिन से धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही है. कर्मचारियों का कहना था कि अगर 5 अक्टूबर तक उनकी बात पर सरकार ने संज्ञान नहीं लिया तो वो संपूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार कर देंगे. इस दौरान जो भी हानि होगी, उसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.

धरने पर बैठे बिजली विभाग के कर्मचारियों से बात करने के लिए शनिवार को ईटीवी भारत की टीम उनके पास पहुंची. सवाल पूछने पर सभी कर्मचारियों की एक ही मांग थी कि बिजली विभाग के निजीकरण पर रोक लगाई जाए. उनका कहना था कि वो चार दिन से धरना दे रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. कर्मचारियों का कहना था कि वो ईटीवी भारत के जरिए वो अपनी आवाज प्रदेश सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं कि सरकार निजीकरण पर तत्काल रोक लगाए.

बताते चलें कि शहर के पावर हाउस में 4 दिन से बिजली विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी निजीकरण के विरोध में धरने पर बैठे हुए हैं. दूसरी तरफ सरकार कह रही है कि निजीकरण में भेजना हमारी मजबूरी है, क्योंकि निगम घाटे में जा रहा है. इस सवाल पर कुछ नौजवान कर्मचारियों का कहना था कि राजस्व वसूली से लेकर सरकार की जो योजनाएं हैं उनमें हमने उन्नति की है. आप 3 साल के सरकारी आंकड़े उठाकर देख लें.

मैनपुरी : बिजली विभाग के निजीकरण का विरोध पूरे प्रदेश में चल रहा है. हर जिले में विद्युत विभाग के कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. मैनपुरी जिले में भी निजीकरण के विरोध में विद्युत विभाग के कर्मचारी 4 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि प्रदेश की सरकार हिटलरशाही पर उतर आयी है. उनका कहना था कि वो 4 दिन से धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही है. कर्मचारियों का कहना था कि अगर 5 अक्टूबर तक उनकी बात पर सरकार ने संज्ञान नहीं लिया तो वो संपूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार कर देंगे. इस दौरान जो भी हानि होगी, उसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.

धरने पर बैठे बिजली विभाग के कर्मचारियों से बात करने के लिए शनिवार को ईटीवी भारत की टीम उनके पास पहुंची. सवाल पूछने पर सभी कर्मचारियों की एक ही मांग थी कि बिजली विभाग के निजीकरण पर रोक लगाई जाए. उनका कहना था कि वो चार दिन से धरना दे रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. कर्मचारियों का कहना था कि वो ईटीवी भारत के जरिए वो अपनी आवाज प्रदेश सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं कि सरकार निजीकरण पर तत्काल रोक लगाए.

बताते चलें कि शहर के पावर हाउस में 4 दिन से बिजली विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी निजीकरण के विरोध में धरने पर बैठे हुए हैं. दूसरी तरफ सरकार कह रही है कि निजीकरण में भेजना हमारी मजबूरी है, क्योंकि निगम घाटे में जा रहा है. इस सवाल पर कुछ नौजवान कर्मचारियों का कहना था कि राजस्व वसूली से लेकर सरकार की जो योजनाएं हैं उनमें हमने उन्नति की है. आप 3 साल के सरकारी आंकड़े उठाकर देख लें.

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