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मैनपुरी डीएम कार्यालय की चल अचल संपत्ति होगी कुर्क, जानें वजह...

मैनपुरी में डीएम कार्यालय की चल अचल संपत्ति को कुर्क किया जाएगा. यह आदेश जिला उपभोक्ता प्रतितोष फोरम द्वारा जारी किया गया है.

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डीएम कार्यालय
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Published : Oct 16, 2022, 10:48 AM IST

मैनपुरी: जनपद के जिलाधिकारी कार्यालय की चल अचल संपत्ति को कुर्क किया जाएगा. कहा जा रहा है कि जिला उपभोक्ता प्रतितोष फोरम से जारी की गई आरसी की वसूली नहीं करने पर अध्यक्ष सुभाष चंद्र कुलश्रेष्ठ ने संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है.

दरअसल, औछा क्षेत्र के शहजादपुर उसनींदा निवासी डिंपल देवी के पति प्रदीप की 1 मार्च 2015 को बुलंदशहर के अरनिया में मृत्यु हो गई थी. प्रदीप खेती करते थे. डिंपल ने कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत मुआवजा पाने के लिए आवेदन किया. तत्कालीन लेखपाल प्रेमपाल की लापरवाही के चलते उनको मुआवजा नहीं मिला. इसके चलते उन्होंने याचिका भी दायर की थी. वहीं, याचिका पर सुनवाई करने के बाद फोरम के चेयरमैन एससी कुलश्रेष्ठ और तत्कालीन सदस्य राजेश यादव ने 27 अगस्त 2018 को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश डीएम को दिया था. इस राशि पर 7% वार्षिक ब्याज भी देना था. मुआवजा नहीं दिए जाने पर फोरम ने आरसी जारी कर वसूली कराने का आदेश दिया.

जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र कुमार मिश्रा

वसूली नहीं होने पर 15 जुलाई 2022 को मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा गया. लेकिन, डीएम द्वारा वसूली नहीं कराई गई. इसके बाद फिर डिंपल देवी ने अपने वकील महेंद्र कुमार मिश्रा के माध्यम से फोरम में प्रार्थना पत्र देकर वसूली कराने की मांग की. इस पर अध्यक्ष एससी कुलश्रेष्ठ और सदस्य दीपिका दास ने सुनवाई करने के बाद डीएम कार्यालय की चल अचल संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया. साथ ही संपत्ति कुर्क कराने के लिए अधिवक्ता दिनेश चंद सक्सेना को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त किया गया है.

इस संबंध में रिकवरी आयुक्त वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सक्सेना ने बताया कोर्ट ने जिला अधिकारी कार्यालय की चल अचल संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है. इसमें एक माह के अंदर हमें संपत्ति को कुर्क करना है. जिलाधिकारी कार्यालय पर हमने आदेश की कॉपी को रिसीव करा दिया है.

यह भी पढ़ें- कानपुर में 100 से अधिक डेंगू संक्रमित, डीएम बोले, हर अस्पताल में बनाए जाएं डेडिकेटेड वार्ड

मैनपुरी: जनपद के जिलाधिकारी कार्यालय की चल अचल संपत्ति को कुर्क किया जाएगा. कहा जा रहा है कि जिला उपभोक्ता प्रतितोष फोरम से जारी की गई आरसी की वसूली नहीं करने पर अध्यक्ष सुभाष चंद्र कुलश्रेष्ठ ने संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है.

दरअसल, औछा क्षेत्र के शहजादपुर उसनींदा निवासी डिंपल देवी के पति प्रदीप की 1 मार्च 2015 को बुलंदशहर के अरनिया में मृत्यु हो गई थी. प्रदीप खेती करते थे. डिंपल ने कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत मुआवजा पाने के लिए आवेदन किया. तत्कालीन लेखपाल प्रेमपाल की लापरवाही के चलते उनको मुआवजा नहीं मिला. इसके चलते उन्होंने याचिका भी दायर की थी. वहीं, याचिका पर सुनवाई करने के बाद फोरम के चेयरमैन एससी कुलश्रेष्ठ और तत्कालीन सदस्य राजेश यादव ने 27 अगस्त 2018 को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश डीएम को दिया था. इस राशि पर 7% वार्षिक ब्याज भी देना था. मुआवजा नहीं दिए जाने पर फोरम ने आरसी जारी कर वसूली कराने का आदेश दिया.

जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र कुमार मिश्रा

वसूली नहीं होने पर 15 जुलाई 2022 को मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा गया. लेकिन, डीएम द्वारा वसूली नहीं कराई गई. इसके बाद फिर डिंपल देवी ने अपने वकील महेंद्र कुमार मिश्रा के माध्यम से फोरम में प्रार्थना पत्र देकर वसूली कराने की मांग की. इस पर अध्यक्ष एससी कुलश्रेष्ठ और सदस्य दीपिका दास ने सुनवाई करने के बाद डीएम कार्यालय की चल अचल संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया. साथ ही संपत्ति कुर्क कराने के लिए अधिवक्ता दिनेश चंद सक्सेना को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त किया गया है.

इस संबंध में रिकवरी आयुक्त वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सक्सेना ने बताया कोर्ट ने जिला अधिकारी कार्यालय की चल अचल संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है. इसमें एक माह के अंदर हमें संपत्ति को कुर्क करना है. जिलाधिकारी कार्यालय पर हमने आदेश की कॉपी को रिसीव करा दिया है.

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