मैनपुरी : जनपद में हुए पंचायत चुनाव में 30 जिला पंचायत सदस्यों के भाग्य का फैसला मंगलवार सुबह हो गया. सोमवार रात 10 बजे तक 28 लोगों को प्रमाण पत्र जारी किया गया था. जिन दाे लोगों को प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था उनमें से एक वंदना यादव थीं जोकि समाजवादी पार्टी के विधायक राजकुमार यादव की पत्नी हैं. निर्दलीय प्रत्याशी जर्मन सिंह का आरोप है कि प्रशासन ने जानबूझ कर देरी की ताकि किसी तरह वंदना यादव को जिताया जा सके. मंगलवार सुबह वंदना यादव को जिला पंचायत सदस्य पद का विजेता घोषित कर दिया गया.
दरअसल, वार्ड 28 से चुनाव मैदान में उतरीं सपा विधायक राजकुमार यादव की पत्नी वंदना यादव को हार का सामना करना पड़ता था. निर्दलीय प्रत्याशी जर्मन सिंह को प्रशासन ने 1907 वोट से विजयी घोषित कर दिया था. जर्मन सिंह के अनुसार निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें सोमवार सुबह प्रमाण पत्र लेने के लिए बुलाया था, लेकिन शाम तक अटकलों का दौर चलता रहा और रात 10 बजे तक उन्हें प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया. इसके बाद उनसे कहा गया कि मंगलवार सुबह 10 बजे प्रमाण पत्र दिया जाएगा, क्योंकि कुछ त्रुटियां रह गई हैं. इसके बाद मंगलवार सुबह प्रशासन ने वंदना यादव को 1000 वोट से विजेता घोषित कर दिया.
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प्रशासन द्वारा वंदना यादव को विजयी घोषित किए जाने की खबर सुनते ही जर्मन सिंह, बीजेपी के पाले में जा पहुंचे. भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान, पूर्व विधायक अशोक चौहान सहित जिले के भाजपा पदाधिकारी और अन्य कार्यकर्ता निर्वाचन कार्यालय पर पहुंच गए जहां प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे. जिलाध्यक्ष ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए मीडिया से कहा कि हम किसी पार्टी के समर्थन की बात नहीं कर रहे हैं लेकिन समाजवादी पार्टी का विधायक इतना वर्चस्व वाला है कि प्रशासन जो व्यक्ति जीत रहा है, उसको हरा दे रहा है. यह लोकतंत्र की हत्या है.
जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि अभी किसी को भी प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है. दोनों पक्षों की आपत्तियों के बाद ब्लॉक परिसर में मतगणना दोबारा कराई जा रही है. मतगणना सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हो रही है. इस दौरान तीन पक्ष निर्दलीय प्रत्याशी जर्मन सिंह, सपा प्रत्याशी वंदना यादव और भाजपा वहां मौजूद हैं.