मैनपुरी: 2013 के बहुचर्चित शहंशाह हत्याकांड मामले में कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुना दिया है. इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाले सातों अभियुक्तों को कोर्ट ने उम्र कैद और 25 हजार का अर्थदंड की सजा सुनाई है. बताया जा रहा है कि हत्या का मुख्य आरोपी सेना में जवान था.
जानें पूरा मामला
मामला मैनपुरी जिले में कस्बा बेवर का है, जहां शहंशाह ने अपने बेटे को सेना में नौकरी लगाने के लिए उत्तम सिंह को चार लाख रुपये दिए थे. नौकरी नहीं लगने पर दो वर्ष बाद शहंशाह ने उत्तम सिंह से रुपये वापस मांगे. वहीं जब उत्तम सिंह ने रुपये वापस देने में आना-कानी की तो दोनों में विवाद हो गया.11 जनवरी 2013 को छिबरामऊ चुंगी के पास शहंशाह ने अपनी दुकान के पास उत्तम सिंह को बुलाया. उत्तम सिंह अपने बेटे और रिश्तेदारों के साथ मौके पर पहुंचा और गाली-गलौज करने लगा.
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आंख में गोली लगने से शहंशाह की मौत
उत्तम सिंह के रिश्तेदारों ने लाइसेंसी हथियार और अवैध असलहा से फायरिंग शुरु कर दी. इस दौरान शहंशाह के आंख में गोली लग गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इस हत्याकांड में बाजार में अफरा-तफरी मच गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया. तत्कालीन थानाध्यक्ष एम. ए. काजी ने मामले की विवेचक की. इसके साथ ही पुलिस ने सभी नामजद अभियुक्तों को साक्ष्यों के साथ न्यायालय में पेश किया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया.
सभी अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा
हाईकोर्ट ने सात नामजद में से छह की अंतरिम जमानत मंजूर कर दी थी. मुख्य अभियुक्त संजीव चौहान पुत्र उत्तम सिंह की जमानत कोर्ट ने नामंजूर कर दी थी. लगातार इस मामले की सुनवाई चलती रही. 14 अगस्त 2020 को अपर सत्र न्यायधीश शक्ति सिंह ने अभियोजन पक्ष की दलीलों के आधार पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने सजा के एलान के लिए 17 तारीख मुकर्रर कर दी थी. सोमवार को न्यायधीश ने सातों अभियुक्त उत्तम सिंह संजीव चौहान, सोनू भदौरिया, अंशु, हेम सिंह, रवि चौहान, प्रदीप चौहान के सामने उनकी सजा का ऐलान किया. इस जघन्य हत्याकांड में कोर्ट ने सातों अभियुक्तों को उम्र कैद और 25 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है.