मैनपुरी: जिले के थाना बेवर क्षेत्र के लक्ष्मणपुर गांव से अंबेडकरनगर की पुलिस ने अनीता नाम की महिला को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि यह महिला कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पूर्णकालिक शिक्षिका अनामिका शुक्ला के नाम से तैनात थी और लॉकडाउन में गांव लौटी है. गिरफ्तार महिला को पुलिस ने सीजीएम कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर साथ लेकर अंबेडकरनगर लेकर लौट गई.
बताया जा रहा है कि अनीता नाम की महिला फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, अंबेडकरनगर में अनामिका शुक्ला के नाम से पूर्णकालिक शिक्षिका पद पर तैनात थी. लॉकडाउन के दौरान महिला अपने गांव लौटी थी. फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला का मामला लगातार तूल पकड़ रहा था. बीते दिनों कासगंज पुलिस ने इस फर्जी शिक्षिका मामले के मास्टरमाइंड को भोगांव थाना क्षेत्र के खरा से धर दबोचा. उसी के निशानदेही पर अंबेडकरनगर में तैनात फर्जी शिक्षिका का मामला जोर-शोर से सामने आया.
ईटीवी भारत ने जब फर्जी शिक्षिका से बात की तो उसने बताया, 'पुष्पेंद्र नाम का व्यक्ति एक बार हमें रोडवेज बस स्टैंड पर मिला था. उस दौरान उसने मुझे परेशान देखा और कहा कि नौकरी करोगी. उसी के बहकावे में आने के बाद उसने अनामिका शुक्ला के नाम से फर्जी दस्तावेज बनवाए और हम एक साल से कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय अंबेडकर नगर में रहकर नौकरी कर रहे हैं.'
अनामिका शुक्ला केस का मास्टरमाइंड कासगंज में गिरफ्तार
फर्जी शिक्षिका ने बताया, 'वेतन मुझे नहीं मिलता था. प्रत्येक महीने सिर्फ दस हजार रुपये ही मिलते हैं. पति का देहांत हो चुका है. गरीब थी जिसके चलते बच्चों को पालने के लिए कुछ नहीं था, इसलिए अनामिका शुक्ला बनकर नौकरी करती रही.