मैनपुरी: जिले के करीमगंज गांव में रोजाना बुखार पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. बुखार से गांव में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बुखार नहीं, बल्कि डेंगू का प्रकोप है. इस कारण लोग बीमार हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की दो सदस्यीय टीम गांव में लोगों में कैंप लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है. वहीं जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर बीमारियों की डाटा एकत्र किया जा रहा है.
जिले में बिछवां थाना क्षेत्र के करीमगंज गांव की आबादी करीब 5 हजार है. सितंबर माह के प्रारंभ से ग्रामीण आए दिन बुखार से पीड़ित हो रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में ग्रामीणों ने कहा कि निजी लैब की जांच रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग नहीं मान रहा है. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव में लगाए गए कैंप में भी इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. इलाज के लिए मरीजों को जिला अस्पताल में भेजा जा रहा है, जहां कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है.
वहीं नोडल अधिकारी डाॅ. पवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि ग्रामीणों का आरोप गलत है. उन्होंने कहा कि जो निजी लैब सीएमओ कार्यालय से रजिस्टर्ड हैं, उसकी जांच रिपोर्ट को माना जा रही है. सैफई मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए सैंपल भेजे थे, जिसमें से कुछ की जांच रिपोर्ट आई है. कुछ जांच के सैंपल लखनऊ भी भेजे गए हैं. सोमवार देर शाम तक उनकी रिपोर्ट आएगी.
नोलड अधिकारी ने बताया कि गांव में 300 से अधिक कोरोना की जांच की गई है, जिसमें 11 संक्रमितों की पुष्टि की गई है. गांव में रोजाना साफ-सफाई कराई जा रही है और एंटी लारवा डीटीसी का छिड़काव भी कराया जा रहा है.