बुंदेलखंड: जिले में एक बार फिर सूखे के चलते हालात बेकाबू गये हैं. ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी को लेकर बड़ी समस्या सामने आ रही है. आमजन को समुचित पेयजल आपूर्ति कराने को लेकर जिला प्रशासन ने बेहतर व्यवस्था करने की बात कही है. सरकारी हैंडपंपों से लेकर टैंकरों द्वारा ग्रामीण और क्षेत्रीय इलाकों में पेयजल आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए हैं.
ग्रामीणों को नहीं मिल रहा पीने का पानी
- महोबा जिला कई वर्षों से सूखे की मार झेलता चला आ रहा है.
- साल दर साल आवश्यकता से कम बारिश होने के चलते कुएं, तालाब, पोखर सूखने लगे हैं.
- भीषण गर्मी में दिन-प्रतिदिन सूरज की तपिश ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है.
- नगरीय इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक सरकारी हैंडपंपों ने जवाब दे दिया है.
- ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए मीलों पैदल चलकर पानी लाना पड़ रहा है.
- लोगों की सरकार से आशा है कि पानी की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी.
जैतपुर विकासखंड में सूखे के हालात सबसे बदतर हैं. हैंडपंप से पानी बन्द होने के बाद गांव बून्द- बून्द पानी को लेकर परेशान है. पानी के लिए लोग दिन रात जद्दोजहद करने को मजबूर है. सुबह से ही पानी के टैंकरों की आस में लोग अपने बर्तनों को दरवाजे पर रखकर टैंकर की राह देखते हैं. पानी के इंतजार में लोग खाना छोड़कर प्यास बुझाने के लिये पानी का इंतजार करते हैं.
सुबह से ही पानी के इंतजार में बैठ जाते हैं, न खाना बना पाते हैं न सो पाते है. पानी के टैंकर का इंतजार करते हैं कि कब पानी का टैंकर आ जाये और हमे पानी मिले.
लक्ष्मी देवी, ग्रामीण
पानी के लिए जिला प्रशासन से लेकर सरकार तक शिकायत कर चुके हैं ,लेकिन पानी की समस्या का आज भी निदान नही हो सका. दिन भर पानी का इंतजार करते रहते की कब टैंकर आये और हमें पीने का पानी मिले..
गणपत, ग्रामीण
बुंदेलखंड के महोबा जनपद में अन्य जनपदों के अपेक्षा पेयजल की ज्यादा कमी है अजनर क्षेत्र में कुछ लोगो ने पाइप लाइन काटकर सिंचाई कर रहे थे जिसको लेकर ए डी ओ पंचायत को एफ आई आर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए है क्यो की हमारी पहली प्राथमिकता पेजयल समस्या से निजात पाने की है ।
सहदेव कुमार (जिलाधिकारी महोबा)