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उमा भारती बोलीं-मथुरा के लिए मेरी भूमिका केशव नहीं तय कर सकते....पार्टी तय करेगी

महोबा में भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बीते दिनों अयोध्या, काशी के बाद मथुरा की बारी वाले डिप्टी सीएम केशव मौर्य के ट्वीट को उनकी व्यक्तिगत राय करार दी. साथ ही उन्होंने कहा कि मथुरा को लेकर वह मेरी भूमिका नहीं तय कर सकते, यह पार्टी तय करेगी.

महोबा में यह बोलीं पूर्व सीएम उमा भारती.
महोबा में यह बोलीं पूर्व सीएम उमा भारती.
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Published : Dec 4, 2021, 7:31 PM IST

महोबा: भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बीते दिनों अयोध्या, काशी के बाद मथुरा की बारी वाले डिप्टी सीएम केशव मौर्य के ट्वीट को उनकी व्यक्तिगत राय करार दी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मथुरा को लेकर केशव मेरी भूमिका नहीं तय कर सकते, यह पार्टी तय करेगी. उन्होंने कहा कि यह सबकी आस्था का विषय है. साथ ही उन्होंने कहा कि एजेंडा तय करने का काम भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विहिप का है. उसी एजेंडे के अनुरूप पार्टी चलती है.

गौरतलब है कि बीते दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अयोध्या और काशी के बाद मथुरा की बारी वाला ट्वीट किया था. इस बयान को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव समेत कई विपक्षियों ने ऐतराज जताया था. इस बारे में जब उमा भारती से प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने इसे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की निजी राय करार दी. साथ ही उन्होंने पार्टी नेतृत्व का हवाला देकर यह भी कह दिया कि मथुरा को लेकर केशव उनकी भूमिका नहीं तय कर सकते हैं. वह बोलीं कि यह काम पार्टी नेतृत्व का है.

महोबा में यह बोलीं पूर्व सीएम उमा भारती.

उमा भारती ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाने पर रखा. बीजेपी नेत्री उमा भारती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सीएम योगी को चिलम जीवी वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर की. उन्होंने कहा कि 2017 में भी अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ को बाबा कहकर अपमानित किया था. जिसका परिणाम उन्हें विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ा था. राजनीति में आमर्यादित भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. अखिलेश खुद को घंमडी और बड़े खानदान का समझते हैं. ऐसे लोग ही औंधे मुंह गिरते हैं.

ये भी पढ़ेंः भ्रष्टाचार पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य बोले- अभी भी हैं सपा-बसपा की मानसिकता वाले कुछ अधिकारी...सुधारने की जरूरत है

पृथक बुंदलेखंड राज्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि पृथक राज्य बनने में तब दिक्कत आती है जब उसमें दो राज्यों की सीमा जुडी हो. बुंदेलखंड को दो राज्यों को मिलाकर राज्य बनाने की मांग हो रही है. यूपी में क्षेत्रफल कम पड़ रहा है. एमपी के लोग यहां आना नहीं चाहते हैं. वहां के भाजपा नेता तो इसका विरोध भी कर चुके हैं. ऐसे में जनभावना का सम्मान किया जाना चाहिए. इस वजह से इस समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि बुंदेलखंड की संजीवनी केन बेतवा लिंक परियोजना से बड़ा लाभ होने वाला है.

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महोबा: भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बीते दिनों अयोध्या, काशी के बाद मथुरा की बारी वाले डिप्टी सीएम केशव मौर्य के ट्वीट को उनकी व्यक्तिगत राय करार दी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मथुरा को लेकर केशव मेरी भूमिका नहीं तय कर सकते, यह पार्टी तय करेगी. उन्होंने कहा कि यह सबकी आस्था का विषय है. साथ ही उन्होंने कहा कि एजेंडा तय करने का काम भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विहिप का है. उसी एजेंडे के अनुरूप पार्टी चलती है.

गौरतलब है कि बीते दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अयोध्या और काशी के बाद मथुरा की बारी वाला ट्वीट किया था. इस बयान को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव समेत कई विपक्षियों ने ऐतराज जताया था. इस बारे में जब उमा भारती से प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने इसे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की निजी राय करार दी. साथ ही उन्होंने पार्टी नेतृत्व का हवाला देकर यह भी कह दिया कि मथुरा को लेकर केशव उनकी भूमिका नहीं तय कर सकते हैं. वह बोलीं कि यह काम पार्टी नेतृत्व का है.

महोबा में यह बोलीं पूर्व सीएम उमा भारती.

उमा भारती ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाने पर रखा. बीजेपी नेत्री उमा भारती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सीएम योगी को चिलम जीवी वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर की. उन्होंने कहा कि 2017 में भी अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ को बाबा कहकर अपमानित किया था. जिसका परिणाम उन्हें विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ा था. राजनीति में आमर्यादित भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. अखिलेश खुद को घंमडी और बड़े खानदान का समझते हैं. ऐसे लोग ही औंधे मुंह गिरते हैं.

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पृथक बुंदलेखंड राज्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि पृथक राज्य बनने में तब दिक्कत आती है जब उसमें दो राज्यों की सीमा जुडी हो. बुंदेलखंड को दो राज्यों को मिलाकर राज्य बनाने की मांग हो रही है. यूपी में क्षेत्रफल कम पड़ रहा है. एमपी के लोग यहां आना नहीं चाहते हैं. वहां के भाजपा नेता तो इसका विरोध भी कर चुके हैं. ऐसे में जनभावना का सम्मान किया जाना चाहिए. इस वजह से इस समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि बुंदेलखंड की संजीवनी केन बेतवा लिंक परियोजना से बड़ा लाभ होने वाला है.

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