महोबा: बुंदेलखंड के महोबा जिले में पानी की किल्लत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. यहां के लोगों का सुबह से बस एक ही काम होता है पानी की आने की आस में बैठे रहना. कई इलाकों में सरकारी मदद न मिलने से लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. यहां के लोगों को पीने के पानी को लाले पड़े हुए हैं.
बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं ग्रामीण:
महोबा जिले में कोई बड़ी नदी न होने के कारण यहां का जलस्तर दिन प्रतिदिन नीचे गिरता जा रहा है. इसी वजह से हैंडपंप ने भी पानी देना बंद कर दिया है. यहां के अधिकतर कुएं सूख चुके हैं. ऐसी हालत में लोगों को बहुत कम जगह पानी नसीब हो पा रहा है. गांव में हालात और भी भयावह हो चुके हैं. मुख्यालय से लगे हुए गांव शाहपहाड़ी में मात्र एक हैंडपंप पानी दे रहा है. इसमें पानी भरने वालों की भीड़ लगी रहती है. घंटों इंतजार के बाद नंबर आने पर एक से दो डिब्बा पानी लोगों को मिल पाता है. यहां की आबादी करीब 4 हजार है. जिला प्रशासन की ओर से अभी तक इस भीषण समस्या से लोगों को निजात नहीं दिलाया गया है. इस गांव में प्रशासन द्वारा न तो कोई पानी का टैंकर भेजा जा रहा है और न ही कोई सुनवाई होती है.
पानी को लेकर होता है विवाद:
ग्रामीण पानी की समस्या से बेहद परेशान हैं. चार हजार की आबादी के बीच में गांव में मात्र एक हैंडपंप है. इससे पानी की बहुत ज्यादा किल्लत रहती है. एक हैंडपंप होने की वजह से पूरे दिन भीड़ लगी रहती है और आए दिन पानी को लेकर लोगों में विवाद भी हो जाते हैं. पीने के पानी के लिए लोग किसी तरह दूर-दूर से चलकर पानी का इंतजाम करते हैं. कभी-कभी तो हैंडपंप से भी पानी गंदा आता है. पानी की विकराल समस्या से लोगों को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इससे बच्चों की पढ़ाई भी ठीक ढंग से नहीं हो पाती है. वहीं हैंडपंप से गंदा पानी आने से ग्रामीणों को अनेकों बीमारियां भी हो जाती हैं.
प्रशासन देता रहता है ग्रामीणों को आश्वसन:
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री का पानी को लेकर जो पत्र आया है, उसको सभी ग्राम पंचायतों को भेज दिया गया है. पत्र का उद्देश्य है कि गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में रहे. बारिश का पानी बर्बाद न हो सके इसके लिए जल संचय को जन आंदोलन में तब्दील करने के लिए अभियान तेज किया जा रहा है. इससे बारिश का पानी संरक्षित किया जा सकेगा.
हैंडपंप से बहुत गंदा पानी आता है. हमारे बच्चे दूर-दराज से साइकिलों द्वारा पानी लेकर आते हैं. पानी की वजह से बच्चे पढ़ नहीं पाते.
-मुबीना, ग्रामीण महिला
जिलाधिकारी सहदेव कुमार ने बताया कि गांव में पानी की समस्या को लेकर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. ग्राम पंचायतों को प्रधानमंत्री का पानी को लेकर पत्र भेजा जा चुका है. जल्द ही गांव के लोगों को पानी की समस्या से निजात मिलेगी.