महोबा: शहर में लचर यातायात व्यवस्था (traffic system) ने एक वृद्ध मरीज की जिंदगी छीन ली. जाम में फंसी एंबुलेस के कारण मरीज समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाया और उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. मरीज की मौत से शहर की चरमराई यातायात व्यवस्था की पोल खुलकर सामने आ गई.
दरअसल, भीषण जाम के कारण वृद्ध मरीज अस्पताल की एंबुलेस अस्पताल तक नहीं पहुंच पाई और समय से इलाज न मिलने के कारण उसने दम तोड़ दिया. महोबा शहर में लचर हो चुकी यातायात व्यवस्था का खामियाजा अब मरीजों को अपनी जान गवां कर भुगतना पड़ रहा है. शहर के परमानंद से आल्हा चौक तक आए दिन लगता जाम अब मुसीबत का सबब बन गया है.
दरअसल, अजनर थाना क्षेत्र स्थित सारंगपुरा गांव निवासी तुलसीदास (65) की अचानक तबीयत खराब होने पर परिजन 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल लेकर जा रहे थे, लेकिन शहर के परमानंद चौराहे के नजदीक जाम में करीब 30 मिनट तक फंसने से एंबुलेंस अस्पताल की दहलीज तक नहीं पहुंच पाई. मृतक के परिजन प्रमोद का कहना था कि जिला अस्पताल और रोडवेज मार्ग पर भीषण जाम लगा रहा और यातायात पुलिस जाम नहीं खुलवा पाई, जिसके कारण जाम में ही वृद्ध तुलसीदास की मौत हो गई. एंबुलेंस चालक का भी मानना है कि जाम में फंसने के कारण समय से एंबुलेंस अस्पताल नहीं पहुंच पाई और अस्पताल गेट पर ही मरीज तुलसीदास की मौत हो गई.
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बहरहाल, इतना तो साफ है की वृद्ध की मौत ने महोबा में यातायात व्यवस्था (mahoba traffic) में लगे कर्मचारियों की लापरवाही को उजागर कर दिया है. यदि ऐसे ही शहर की यातायात व्यवस्था लचर बनी रही तो अस्पताल आने वाले तीमारदारों को इलाज के अभाव में अपनों को खोना पड़ सकता है.