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दृष्टिबाधित बच्चों को संगीत सिखाने का उठाया बीड़ा - महोबा समाचार

यूपी के महोबा में समाजसेवी मनमोहन उर्फ बाबला सिंह ने संगीत अकादमी खोलकर दृष्टि बाधित बच्चों को संगीत के साथ-साथ शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. उन्होंने सभी बच्चों को रहने खाने की व्यवस्था भी निःशुल्क की है.

महोबा में नेत्रहीन बच्चों के लिए खुला संगीत अकादमी
महोबा में नेत्रहीन बच्चों के लिए खुला संगीत अकादमी
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Published : Mar 17, 2021, 3:55 PM IST

महोबाः अगर आपके अंदर कुछ कर दिखाने का जज्बा है तो कोई भी कठिनाई आपका रास्ता नहीं रोक सकती. बस आपका हौसला हर कठिनाई को हरा सकता है. इसी तरह अपने बुलंद हौसले की दम पर महोबा के युवा समाजसेवी दृष्टिबाधित बच्चों के हुनर को तराशने में लगे हुए हैं. नर सेवा-नारायण सेवा संस्थान के तहत समाजसेवी मनमोहन उर्फ बाबला सिंह ने आवासीय संगीत स्कूल खोलकर दृष्टि बाधित बच्चों को संगीत के साथ-साथ शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. इतना ही नहीं उन्होंने सभी बच्चों को रहने खाने की व्यवस्था भी निःशुल्क की है.

महोबा में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए खुला संगीत अकादमी

अकादमी में 10 बच्चे सीख रहे संगीत
महोबा जिला मुख्यालय के निवासी मनमोहन उर्फ बाबला सिंह अपने संगीत अकादमी में 10 दृष्टिबाधित बच्चों को संगीत कला का ज्ञान दे रहे हैं. इस कार्य में बाबला की पत्नी भी साथ दे रही है. बाबला सिंह द्वारा किए गए इस कार्य की लोग सराहना कर रहे हैं. अकादमी के विद्यार्थी दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि यहां पर सर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. मैं कॉलेज में पढ़ रहा था और मुझे संगीत सीखना था. तभी मेरे एक दोस्त ने बताया कि महोबा में फ्री में संगीत सिखाया जाता है और रहना खाना सब फ्री है. इस अकादमी में अच्छी तरह संगीत सिखाया जाता है.

अकादमी में बच्चों के लिए सभी सुविधाएं निशुल्क
संगीत अकादमी संचालक मनमोहन सिंह ने बताया कि मैं संगीत से जुड़ा हुआ हूं. उन्होंने बताया कि दिव्यांग बच्चों से मिलने के बाद सोचा कि इन बच्चों को ग्रुप में तैयार किया जाए. जिससे इनमें निखार आ सके. इसके बाद हमने प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से बच्चों को एकत्रित किया है. अकादमी में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए रहना खाना सब निःशुल्क है. उन्होंने कहा कि हमारी सोच है कि ये बच्चे बड़े होकर अपने पैरों पर खड़े हो सके और नाम रोशन कर सकें.

महोबाः अगर आपके अंदर कुछ कर दिखाने का जज्बा है तो कोई भी कठिनाई आपका रास्ता नहीं रोक सकती. बस आपका हौसला हर कठिनाई को हरा सकता है. इसी तरह अपने बुलंद हौसले की दम पर महोबा के युवा समाजसेवी दृष्टिबाधित बच्चों के हुनर को तराशने में लगे हुए हैं. नर सेवा-नारायण सेवा संस्थान के तहत समाजसेवी मनमोहन उर्फ बाबला सिंह ने आवासीय संगीत स्कूल खोलकर दृष्टि बाधित बच्चों को संगीत के साथ-साथ शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. इतना ही नहीं उन्होंने सभी बच्चों को रहने खाने की व्यवस्था भी निःशुल्क की है.

महोबा में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए खुला संगीत अकादमी

अकादमी में 10 बच्चे सीख रहे संगीत
महोबा जिला मुख्यालय के निवासी मनमोहन उर्फ बाबला सिंह अपने संगीत अकादमी में 10 दृष्टिबाधित बच्चों को संगीत कला का ज्ञान दे रहे हैं. इस कार्य में बाबला की पत्नी भी साथ दे रही है. बाबला सिंह द्वारा किए गए इस कार्य की लोग सराहना कर रहे हैं. अकादमी के विद्यार्थी दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि यहां पर सर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. मैं कॉलेज में पढ़ रहा था और मुझे संगीत सीखना था. तभी मेरे एक दोस्त ने बताया कि महोबा में फ्री में संगीत सिखाया जाता है और रहना खाना सब फ्री है. इस अकादमी में अच्छी तरह संगीत सिखाया जाता है.

अकादमी में बच्चों के लिए सभी सुविधाएं निशुल्क
संगीत अकादमी संचालक मनमोहन सिंह ने बताया कि मैं संगीत से जुड़ा हुआ हूं. उन्होंने बताया कि दिव्यांग बच्चों से मिलने के बाद सोचा कि इन बच्चों को ग्रुप में तैयार किया जाए. जिससे इनमें निखार आ सके. इसके बाद हमने प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से बच्चों को एकत्रित किया है. अकादमी में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए रहना खाना सब निःशुल्क है. उन्होंने कहा कि हमारी सोच है कि ये बच्चे बड़े होकर अपने पैरों पर खड़े हो सके और नाम रोशन कर सकें.

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