महोबाः देश के पहले रोटी बैंक ने तुर्की में आए भूकंप की आपदा में राहत पहुंचाने की पहल की है. बुंदेलखंड में महोबा पहला जिला है, जहां से तुर्की को आर्थिक और राहत सामग्री रोटी बैंक द्वारा भेजी गई है. पहली खेप में रोटी बैंक में शामिल सभी संप्रदाय के लोगों ने इकट्ठा होकर आम दिनचर्या में उपयोग होने वाली सामग्री सहित खाद्य सामग्री भेजी है.
रोटी बैंक आम लोगों को भी आपदा के समय में मदद के लिए प्रेरित करने का काम कर रही है. भूखों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराने वाले रोटी बैंक की इस पहल की हर कोई सराहना कर रहा है. एक कार्यक्रम के माध्यम से इकट्ठा की गई सामग्री को रविवार को दिल्ली स्थित तुर्की दूतावास में भेजा गया, जहां से उक्त राहत सामग्री तुर्की में भूकंप पीड़ितों तक पहुंचाई जाएगी.
बता दें कि रोटी बैंक द्वारा भूखों को भरपेट भोजन के अलावा अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आए दिन बड़े-बड़े आयोजन होते रहते हैं. इसी क्रम में रोटी बैंक के संस्थापक हाजी मुट्टन की पहल पर सभी संप्रदाय के लोगों ने इकठ्ठा होकर तुर्की को मदद भेजने की पहल की. रोटी बैंक के संस्थापक हाजी मुट्टन, संस्था के संरक्षक मनोज तिवारी, सिख समुदाय का नेतृत्व कर रहे सरदार जसपाल सिंह तो वहीं ईसाई समुदाय की तरफ से फादर लावन मसीह ने इकट्ठा होकर इस राहत सामग्री को भेजी है.
यही नहीं भूकंप पीड़ितों के लिए 25,000 रुपये कीआर्थिक मदद के साथ-साथ रोटी बैंक ने भूकंप पीड़ितों के लिए 100 गर्म कंबल, 100 गर्म कैप, 100 जोड़ी गर्म मोजे, 100 सैनेटरी पैड सहित बड़ी मात्रा में खाद्य सामग्री भेजी है. एक कार्यक्रम आयोजित कर उक्त सामग्री को दिल्ली स्थित तुर्की दूतावास में भेजा गया, जहां से सामान भूकंप पीड़ितों के लिए तुर्की भेज दिया जाएगा.
रोटी बैंक के संस्थापक हाजी मुट्टन ने बताया कि 'यह उनकी पहली खेप है और बुंदेलखंड में महोबा पहला जिला है, जहां से तुर्की के भूकंप पीड़ितों को राहत सामग्री पहुंचाई गई है. अगले रविवार को दूसरी खेप भेजे जाने का प्रयास किया जा रहा है. सभी धर्मों से बढ़कर मानवता के धर्म को निभाते हुए रोटी बैंक ने सराहनीय पहल की है, जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है. तुर्की में आए भूकंप से लाखों की संख्या में लोग पीड़ित हुए हैं और वहां पर तापमान गिरने से सर्दी बढ़ रही है. उसे देखते हुए उनके दर्द को रोटी बैंक ने महसूस किया है. हम भारतीय हैं जो हर किसी के दर्द को महसूस करते हैं. विश्व बंधुत्व संदेश के साथ यह मदद भेजी जा रही है'.
रोटी बैंक के संरक्षक मनोज तिवारी ने बताया कि 'रोटी बैंक सबको प्रेरणा देने का काम कर रही है. महोबा में देश का पहला रोटी बैंक शुरू होने के बाद इससे प्रेरित होकर देश के अलग-अलग स्थानों में आज रोटी बैंक संचालित हो रहा है. रोटी बैंक ने पूर्व में भी आपदा के समय अन्य देखों को मदद पहुंचाई है और अब तुर्की में भूकंप पीड़ितों को मदद भेजी जा रही है'.
वहीं, इस मौके पर सिख समुदाय के सरदार जसपाल सिंह और ईसाई धर्म गुरु फादर लबान मसीह ने कहा कि 'आपदा के समय में इंसान को इंसान के काम आना चाहिए. धर्म से उठकर मानवता की सेवा सबसे बड़ा धर्म है. उन्होंने कहा कि मदद तुर्की को पहुंचाई जाएगी. गुरुनानक देव का सिद्धांत है कि धर्म हमारा कोई भी हो सबसे पहले हम इंसान हैं तो इंसानियत कायम रहनी चाहिए. इस तुर्की में इस मुसीबत के समय रोटी बैंक इंसानियत का धर्म निभा रहा है'.