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महोबा: वन विभाग ने नहीं दिया मजदूरों को पैसा, DM से लगाई गुहार

उत्तर प्रदेश के महोबा में मध्य प्रदेश से बुलाए गए मजदूरों से ढाई महीने तक मजदूरी कराने के बाद मेहनताना न देने का मामला सामने आया है. मजदूरों ने डीएम से न्याय की गुहार लगाई है.

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मजदूरों ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Feb 27, 2020, 1:11 AM IST

महोबा: जनपद में वन विभाग द्वारा मध्य प्रदेश से बुलाए गए मजदूरों से काम कराने के बाद मजदूरी का भुगतान न करने का मामला सामने आया है. जिलाधिकारी कार्यालय पर आज सैकड़ों मजदूरों ने डीएम को ज्ञापन सौंप कर न्याय की गुहार लगाई.

मजदूरों ने सौंपा ज्ञापन.

महोबा वन रेंज में मध्य प्रदेश के सतना जिले से सैकड़ों मजदूर काम कराने के लिए बुलाए गए थे. इन मजदूरों ने वन विभाग में लगभग ढाई माह तक नर्सरी, गड्डा खुदाई आदी का काम किया. इसके बाद जब उन्होंने मजदूरी मांगी तो अधिकारी उन्हें आज कल कहकर टालते रहे. आलम यह है कि मजदूरी न मिलने से मजदूर भूखमरी की कगार पर आ पहुंचे हैं. शिकायत लेकर आज मजदूरों की टीम पहले वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय पहुंची, लेकिन यहां उनकी एक न सुनी गई. मजदूरों का आरोप है कि शिकायत करने पर अधिकारियों ने उन्हें जबरन बाहर निकाल दिया.

अंत में थक हारकर मजदूरों ने डीएम कार्यालय का दरवाजा खटखटाया. यहां मजदूरों ने अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. पत्र में लिखा है कि यदि गरीबी के कारण किसी भी मजदूर को कुछ हुआ तो इसका जिम्मेदार वन विभाग होगा.

मध्य प्रदेश से करीब 180 लोगों को सतना खान वन दारोगा द्वारा काम के लिए बुलाया गया था. ढाई माह तक वन विभाग द्वारा मजदूरी कराई गई, लेकिन मजदूरी का पैसा नहीं मिला. वन विभाग डीएफओ के पास गए तो वहां से सभी को भगा दिया गया. मजदूरी मांगने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है. डीएम के पास न्याय की गुहार लेकर आए हैं.
-सुशील कुमार, मजदूर

इस मामले में वनाधिकारी रामप्रसाद का कहना है कि कुछ मजदूर आये थे, जिनकी समस्या का शीघ्र निस्तारण किया जाएगा. बंधक बनाकर मजदूरी कराने का आरोप निराधार लगाया जा रहा है

महोबा: जनपद में वन विभाग द्वारा मध्य प्रदेश से बुलाए गए मजदूरों से काम कराने के बाद मजदूरी का भुगतान न करने का मामला सामने आया है. जिलाधिकारी कार्यालय पर आज सैकड़ों मजदूरों ने डीएम को ज्ञापन सौंप कर न्याय की गुहार लगाई.

मजदूरों ने सौंपा ज्ञापन.

महोबा वन रेंज में मध्य प्रदेश के सतना जिले से सैकड़ों मजदूर काम कराने के लिए बुलाए गए थे. इन मजदूरों ने वन विभाग में लगभग ढाई माह तक नर्सरी, गड्डा खुदाई आदी का काम किया. इसके बाद जब उन्होंने मजदूरी मांगी तो अधिकारी उन्हें आज कल कहकर टालते रहे. आलम यह है कि मजदूरी न मिलने से मजदूर भूखमरी की कगार पर आ पहुंचे हैं. शिकायत लेकर आज मजदूरों की टीम पहले वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय पहुंची, लेकिन यहां उनकी एक न सुनी गई. मजदूरों का आरोप है कि शिकायत करने पर अधिकारियों ने उन्हें जबरन बाहर निकाल दिया.

अंत में थक हारकर मजदूरों ने डीएम कार्यालय का दरवाजा खटखटाया. यहां मजदूरों ने अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. पत्र में लिखा है कि यदि गरीबी के कारण किसी भी मजदूर को कुछ हुआ तो इसका जिम्मेदार वन विभाग होगा.

मध्य प्रदेश से करीब 180 लोगों को सतना खान वन दारोगा द्वारा काम के लिए बुलाया गया था. ढाई माह तक वन विभाग द्वारा मजदूरी कराई गई, लेकिन मजदूरी का पैसा नहीं मिला. वन विभाग डीएफओ के पास गए तो वहां से सभी को भगा दिया गया. मजदूरी मांगने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है. डीएम के पास न्याय की गुहार लेकर आए हैं.
-सुशील कुमार, मजदूर

इस मामले में वनाधिकारी रामप्रसाद का कहना है कि कुछ मजदूर आये थे, जिनकी समस्या का शीघ्र निस्तारण किया जाएगा. बंधक बनाकर मजदूरी कराने का आरोप निराधार लगाया जा रहा है

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