महोबा: जिले में एक पति ने अपनी पत्नी की चिता में कूदकर जान देने की कोशिश की. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़कर किसी तरह चिता से बाहर निकाला. हालांकि जब तक लोग पति को बाहर निकालते तब तक वह मामूली रूप से झुलस गया. झुलसे पति को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया.
मामला जनपद के कुलपहाड़ कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जैतपुर का है. यहां ड्योढ़ीपुरा मोहल्ले में रहने वाले बृजेश की पत्नी ने शुक्रवार देर रात घर में ही फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. इससे पति बृजेश खासा आहत और उदास हो गया. बृजेश की शादी चार वर्ष पहले ग्राम अकौना निवासी रामचरन की पुत्री उमा के साथ हुई थी.
बताया जाता है कि पत्नी उमा ने शुक्रवार को इलाज के लिए पति से 5 हजार रुपये मांगे थे. इस पर पति ने शनिवार की सुबह इंतेजाम कर पैसे देने के लिए कहा था. इसी बात से नाराज होकर उमा ने शुक्रवार देर रात फांसी लगा ली. जब बृजेश की आंख शनिवार की सुबह खुली तो फांसी के फंदे से लटका पत्नी का शव दिखा. इसके बाद आनन-फानन में उमा को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
वहीं, पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए जैतपुर कस्बा के ड्योढ़ी श्मशान घाट ले गए. जहां पति बृजेश मुखाग्नि देने के बाद जलती चिता में कूद पड़ा. वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़कर बाहर निकाला. चिता में कूदने के कारण पति झुलस गया जिसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया.
यह भी पढ़ें:जनेश्वर मिश्र पार्क में मिले महिला के शव की हुई पहचान, जानें क्या कहती है पुलिस
पति बृजेश ने बताया कि मामूली बात पर उसकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली. उसकी मौत से वह सदमे में है. पत्नी के जाने के बाद वह भी जिंदा नहीं रहना चाहता था. इसलिए चिता में कूदा. पिता हरदयाल और मां मालती बताती का कहना है कि बहु की मौत के बाद बृजेश भी उसकी चिता में जलना चाहता था. इसलिए उसमें कूद गया. वहीं, मृतका उमा के परिजनों ने पति और ससुरालियों पर दहेज हत्या का आरोप लगाया है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप