महोबा: यूपी सरकार आमजन तक अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने के लिए तमाम प्रयास कर रही है. इसी क्रम में 108 और 102 एम्बुलेंस सेवा प्रदेश भर में आपातकालीन चिकित्सा सेवा में अहम भूमिका निभा रही हैं. वहीं, अब कुछ जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के कारण 102 और 108 एम्बुलेंस सेवा की हालत खस्ता हो गई है. आए दिन एम्बुलेंस में गड़बड़ी के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला महोबा जिले से सामने आया है. यूपी में पूर्ववर्ती सपा सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट कही जाने वाली यह सेवा खुद बीमार हो गई है.
एम्बुलेंस 108 पर कार्यरत पायलट ओमप्रकाश ने बताया कि अधिकतर एम्बुलेंस में एसी, टायर और खिड़कियां जवाब दे चुकी हैं. एम्बुलेंस की मरम्मत कराने के लिए कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन एम्बुलेंस की मरम्मत नहीं कराई गई. हर बार अधिकारी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. कई महीनों से एम्बुलेंस का एसी खराब है. अस्पताल ले जाते समय मरीजों को परेशानी होती है. वहीं, टायर भी पुराने हो गए हैं, इन्हें बदलवाने के लिए भी कई बार शिकायत की गई.
एक अन्य एम्बुलेंस के पायलट विनय कुमार ने बताया कि उसकी गाड़ी की खिड़कियां खराब हैं, जो बंद नहीं होती हैं और किसी तरह बंद कर दो तो खोलने में काफी मसक्कत करनी पड़ती है. गाड़ी का एसी पिछले तीन महीनों से खराब है. एम्बुलेंस सेवा 108 में तैनात पायलट सुमित की समस्या भी अन्य एम्बुलेंस के समान है. सुमित का कहना है कि उनकी गाड़ी का एसी और खिड़कियां पिछले पांच महीने से खराब हैं.
सीएमओ मनोज कांत सिन्हा ने बताया कि महोबा में 30 एम्बुलेंस हैं. इनकी संस्था का ऑफिस लखनऊ में है. एम्बुलेंस की पूरी देखभाल लखनऊ लेबल से की जाती है, हमारे अंडर में कुछ नहीं है. पूरे प्रदेश में 108 और 102 एम्बुलेंस में एसी नहीं हैं. सिर्फ एएलएस (Advance Life Support) में ही एसी उपलब्ध हैं.
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