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PM को खून से लिखा खत, बोले-बुंदेलखंड को पृथक राज्य बनाएं हुजूर - Prime Minister Narendra Modi

अगस्त क्रांति के अवसर पर बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर सहित दो दर्जन समाजसेवियों ने प्रधानमंत्री को खून से खत लिख कर पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग की है.

महोबा में सामाजिक संगठनों ने लिखा पीएम को पत्र
महोबा में सामाजिक संगठनों ने लिखा पीएम को पत्र
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Published : Aug 9, 2021, 8:46 PM IST

महोबा: सीएम योगी (CM Yogi) के दौरे से एक दिन पहले 09 अगस्त क्रांति (august revolution) के अवसर पर बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर सहित दो दर्जन समाजसेवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को खून से खत लिख कर पृथक बुंदेलखंड राज्य (Bundelkhand State) की मांग की है. समाजसेवी तारा पाटकर ने कहा कि भारत के इतिहास में 9 अगस्त 1942 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Father of the Nation Mahatma Gandhi) ने भारत छोड़ो अभियान (Quit India Campaign) की शुरुआत की थी. बुंदेलखंड की गरीबी पिछड़ापन को दूर करने के लिए पीएम से पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर हम सभी ने खत लिख कर बुंदेलखंड की खुशहाली मांगी है.

महोबा शहर के आल्हा चौक स्थित अंबेडकर पार्क में बुंदेली समाज के संयोजक सहित दर्जनों साथियों ने पीएम मोदी को खून से खत लिख कर बुंदेलों की दर्द भरी आवाज को सुनने की अपील की है. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी पृथक बुंदेलखंड राज्य बना कर बुंदेलों के सपनों को साकार कर सकते हैं. दरअसल, बुंदेलखंड में जंगल पहाड़ और नदियों को माफिया मिटाने पर तुले हुए हैं. उत्तर प्रदेश के बड़े राज होने के नाते सरकार का ध्यान बुंदेलखंड की ओर आकर्षित नहीं हो पा रहा है. यही वजह है की नदियों, पहाड़ों और जंगलों की अवैध कटान बड़े पैमाने पर होने से यहां की प्राकृतिक धरोहरों और संपदा को नुकसान हो रहा है, जिसको लेकर आज 21वीं बार खून से खत लिखा है. पीएम मोदी से आग्रह करते हैं कि उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojana) से जो पार्ट-2 की शुरुआत के लिए महोबा को चुना है. वह महोबा के लिए बड़े गौरव की बात है, लेकिन इस योजना भर से अकेले बुंदेलखंड का भला होने वाला नहीं है.

महोबा में सामाजिक संगठनों ने लिखा पीएम को पत्र

इसे भी पढ़ें-बुंदेलखंड की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत को मिलेगी राष्ट्रीय पहचान, कमिश्नर ने की अनूठी पहल

समाजसेवी तारा पाटकर ने कहा कि बुंदेलखंड की ऐतिहासिक धरोहर संकट में है. नदियां पहाड़ जंगल संकट के दौर से गुजर रही हैं. मध्यप्रदेश के बक्सवाहा जंगल में हीरा मिलने के बाद जंगलों को काटने का काम किया जा रहा है, जिससे ऑक्सीजन की भारी कमी होने की बड़ी संभावना है. हम सभी बुंदेले प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हैं कि बुंदेलखंड की खुशहाली के लिए यहां की ऐतिहासिक धरोहर की रक्षा की जाए. साथ ही बुंदेलखंड को पृथक राज्य का दर्जा दिया जाए.

महोबा: सीएम योगी (CM Yogi) के दौरे से एक दिन पहले 09 अगस्त क्रांति (august revolution) के अवसर पर बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर सहित दो दर्जन समाजसेवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को खून से खत लिख कर पृथक बुंदेलखंड राज्य (Bundelkhand State) की मांग की है. समाजसेवी तारा पाटकर ने कहा कि भारत के इतिहास में 9 अगस्त 1942 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Father of the Nation Mahatma Gandhi) ने भारत छोड़ो अभियान (Quit India Campaign) की शुरुआत की थी. बुंदेलखंड की गरीबी पिछड़ापन को दूर करने के लिए पीएम से पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर हम सभी ने खत लिख कर बुंदेलखंड की खुशहाली मांगी है.

महोबा शहर के आल्हा चौक स्थित अंबेडकर पार्क में बुंदेली समाज के संयोजक सहित दर्जनों साथियों ने पीएम मोदी को खून से खत लिख कर बुंदेलों की दर्द भरी आवाज को सुनने की अपील की है. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी पृथक बुंदेलखंड राज्य बना कर बुंदेलों के सपनों को साकार कर सकते हैं. दरअसल, बुंदेलखंड में जंगल पहाड़ और नदियों को माफिया मिटाने पर तुले हुए हैं. उत्तर प्रदेश के बड़े राज होने के नाते सरकार का ध्यान बुंदेलखंड की ओर आकर्षित नहीं हो पा रहा है. यही वजह है की नदियों, पहाड़ों और जंगलों की अवैध कटान बड़े पैमाने पर होने से यहां की प्राकृतिक धरोहरों और संपदा को नुकसान हो रहा है, जिसको लेकर आज 21वीं बार खून से खत लिखा है. पीएम मोदी से आग्रह करते हैं कि उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojana) से जो पार्ट-2 की शुरुआत के लिए महोबा को चुना है. वह महोबा के लिए बड़े गौरव की बात है, लेकिन इस योजना भर से अकेले बुंदेलखंड का भला होने वाला नहीं है.

महोबा में सामाजिक संगठनों ने लिखा पीएम को पत्र

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समाजसेवी तारा पाटकर ने कहा कि बुंदेलखंड की ऐतिहासिक धरोहर संकट में है. नदियां पहाड़ जंगल संकट के दौर से गुजर रही हैं. मध्यप्रदेश के बक्सवाहा जंगल में हीरा मिलने के बाद जंगलों को काटने का काम किया जा रहा है, जिससे ऑक्सीजन की भारी कमी होने की बड़ी संभावना है. हम सभी बुंदेले प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हैं कि बुंदेलखंड की खुशहाली के लिए यहां की ऐतिहासिक धरोहर की रक्षा की जाए. साथ ही बुंदेलखंड को पृथक राज्य का दर्जा दिया जाए.

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