महोबा: जनपद के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से एक नवजात की जान चली गई. महिला जिला अस्पताल के विशेष नवजात इकाई वार्ड के बेड में चीटियां मौजूद थी. उसी बैड पर लेटी एक नवजात को तीन दिन से चीटियां अपना निवाला बना रहीं थी. इसके चलते नवजात की मौत हो गई. मासूम की मौत होने पर गुस्साऐं परिनजों ने अपस्पताल में हंगामा कर दिया. परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने और 6500 रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया.
जिला अस्पताल में लापरवाही के कारण चीटियों के काटे जाने से मासूम की मौत हो गई. इस मामले में सीएमएस ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, उप जिलाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर परिवार को समझा कर मामले को शांत कराया. बता दें कि कुलपहाड़ तहसील क्षेत्र के मुढारी गांव निवासी सुरेंद्र रैकवार ने 30 मई को अपनी गर्भवती पत्नी सीमा को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया था. तभी पत्नी की डिलीवरी के नाम पर डॉक्टरों ने परिजनों ने 6500 रुपये रिश्वत ली थी. सीमा ने बेटे को जन्म दिया था. लेकिन बेटे के अस्वस्थ्य होने पर डॉक्टरों ने उसे विशेष नवजात देखभाल इकाई वार्ड बेड में भर्ती कर दिया.
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परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों द्वारा सफाई पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया. इस वजह से नवजात के बेड में चीटियां हो गई थी. वहीं, परिजनों का कहना है कि इससे पहले भी बच्चे के बिस्तर में चीटियां होने की शिकायत की थी. उसके बाद भी कोई एक्श नहीं लिया गया. इस घटना आक्रोशित होकर परिजनों महिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया.
घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस और एसडीएम सदर जितेंद्र कुमार (SDM sadar jitendra kumar) मौके पर पहुंचे. वहीं, उप जिलाधिकारी ने नाराज परिजनों को समझा कर मामला शांत कराया. परिजनों ने अधिकारियों को बताया कि अगर वार्ड में सफाई व्यवस्था ध्यान दिया जाता तो मासूम की जान बच सकती थी. महिला जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. डी.के. सुल्लेरे ने जांच के आदेश दे दिए हैं. मामले में डॉ. डी.के. सुल्लेरे का कहना है कि जांच के बाद साफ हो जाएगा, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने बिस्तर में चीटियां होने की बात गलत बताई है.
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