महराजगंज: हत्या के मामले में जिला जेल में सजा काट रहे दो बुजुर्ग कैदी को दया याचिका पर शुक्रवार को जेल से रिहा कर दिया गया. इसमें एक बुजुर्ग महिला भी है, जो दहेज के मामले में सजा काट रही थी. दूसरा बुजुर्ग भी हत्या के मामले में जेल में बंद था. जिसे जेल में ओम शांति कैम्प का मुखिया बनाया गया था, जो सत्संग और मोटिवेशन से कैदियों के तनाव को दूर कर रहा था. जेलर अरविंद श्रीवास्तव, डिप्टी जेलर शैलेंद्र सिंह ने दोनों को माला पहनाकर और शॉल देकर विदा किया.
घुघली थाना क्षेत्र के घुघली बुजुर्ग गांव की 75 वर्षीय कौशल्या देवी दहेज हत्या के मामले में 14 फरवरी 2013 से जिला जेल में सजा काट रही थी. इसी जेल में उसके साथ पति और बेटा भी सजा काट रहे हैं. दूसरे रिहा किए गए कैदी चौक क्षेत्र की पड़री खुर्द निवासी इंद्रजीत भी हत्या के मामले में 3 जून 2014 से सजा काट रहे थे. उनकी उम्र 80 वर्ष के करीब हो गई है, जो जेल में ओम शांति कैम्प के मुखिया बनाए गए थे. दोनों बुजुर्ग की दया याचिका शासन द्वारा मंजूर किए जाने के बाद डीएम डॉ. उज्ज्वल कुमार ने दोनों को रिहा करने का आदेश जेल प्रशासन को दिया था. दया याचिका मंजूर होने के बाद बुजुर्ग कौशल्या देवी और इंद्रजीत के लिए कोई जमानतदार नहीं मिल रहा था.
दरअसल, कौशल्या देवी के पति और पुत्र भी दहेज हत्या के मामले में जिला जेल में ही बंद हैं. यही हाल इंद्रजीत का भी रहा, उनका भी कोई जमानतदार नहीं आया था. ऐसे में घुघली क्षेत्र के जोगियामट के बालक दास सामने आए. दया याचिका पर रिहा होने वाली कौशल्या देवी और इंद्रजीत के जमानत के लिए एक-एक लाख रुपये का मुचलका भरा. सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जेलर अरविंद श्रीवास्तव और डिप्टी जेलर शैलेंद्र सिंह ने कौशल्या देवी और इन्द्रजीत को माला पहनाकर और शॉल देकर जेल से विदा किया.
इस बारे में जिला जेल के जेलर अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि शासन द्वारा कौशल्या देवी और इंद्रजीत की दया याचिका मंजूर होने के बाद डीएम के आदेश पर सभी को विधिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद स्वतंत्रता दिवस से पहले रिहा कर दिया गया है.