महराजगंज: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने सभी जिलों को लाॅकडाउन कर दिया है. दिहाड़ी मजदूरों के काम-धंधे बंद हो गए हैं. काम न चलने से दाने-दाने के लिए मोहताज लोगों की सहायता में स्थानीय ग्रामीण और समाजसेवी संस्थाएं जुटी हुई हैं और ईटीवी भारत की टीम भी ऐसे लोगों के साथ है.
देश भर में घोषित लाॅकडाउन के बाद सभी के काम धंधे बंद हो गए हैं. गरीब और मजबूर लोग लोग दाने-दाने के लिए मोहताज हैं. स्थानीय ग्रामीण और समाजसेवी संस्थाएं ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें खाद्य सामग्री दे रही है, जिससे कोई भी लाॅकडाउन के दौरान भूखा न रहे.
सेवन हिल्स एजुकेशनल सोसाइटी पनियरा के द्वारा प्रतिदिन ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनकी सहायता की जा रही है, जो वास्तव में दाने-दाने के लिए मोहताज हैं. ईटीवी भारत की टीम भी ऐसे लोगों की सहायता में जुटी हुई है.
सेवन हिल्स एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष आकाश जायसवाल ने कहा है कि जगह-जगह से फोन आ रहा है कि कई ऐसे लोग हैं, जो दिहाड़ी मजदूरी कर रहे थे और लॉकडाउन के बाद से उनके सारे काम-धंधे बंद चुके हैं.
उनके पास जो हजार रुपये तक थे वह भी खत्म हो चुके हैं. जो ऐसे लोग हैं, जिनके पास भूमि भी नहीं है, जिससे कि वह धान, गेहूं का उत्पादन कर सकें और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें. सभी लोग लॉकडाउन का अनुपालन भी कर रहे हैं, जिसमें ऐसे भी लोग हैं जो दो-दो दिन भूखे पड़े हुए हैं.