महराजगंज: लॉकडाउन के बाद दिल्ली-एनसीआर से आए सोनौली सीमा पर करीब 300 की संख्या में नेपाली नागरिकों को सनौली के नो मैंस लैंड पर दो दिन से धरना देने के बाद भी नेपाल प्रशासन ने अपने देश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी. इसके बाद महराजगंज के जिलाधिकारी बॉर्डर पहुंचकर नेपाली नागरिकों को नो मैंस लैंड से भारत में वापस लाएं और उन्हें नौतनवा इंटर कॉलेज में बनाए गए क्वारन्टीन वार्ड में रखा गया. जिलाधिकारी ने बताया कि 14 दिनों तक सभी नेपाली नागरिक क्वारन्टीन रहेंगे. इस दौरान के स्वास्थ्य की जांच तथा रहने और भोजन का भी इंतजाम किया जाएगा. वहीं नेपाली नागरिकों ने अपने देश के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मोद-मोदी के नारे लगाए.
कोरोना से बचाव के लिए एक सप्ताह पहले भारत में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था. इसके साथ ही भारत-नेपाल सीमा को भी पब्लिक मोमेंट के लिए सील कर दिया गया था. वहीं दिल्ली-एनसीआर से सैकड़ों की संख्या में नेपाली नागरिक अपने देश जाना चाह रहे थे. वह सोनौली बॉर्डर पर फंस गए. उन्हें नेपाल में घुसने की इजाजत नेपाल पुलिस ने नहीं दी. इसके बाद जबरन सैकड़ों की संख्या में नेपाली नागरिक नेपाल में प्रवेश करना चाहा तो नेपाली पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया और उन्हें अपनी सीमा में घुसने नहीं दिया.
इसके बाद नेपाली नागरिक नो मैंस लैंड पर ही धरने पर बैठ गए. नेपाली नागरिकों की मांग थी कि जब तक नेपाल सरकार उनको वापस नहीं लेगी, तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे. जब ऐसा नहीं हुआ तो महराजगंज के जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने नेपाली नागरिकों को समझा-बुझाकर नौतनवा इंटर कॉलेज में बनाए गए क्वारन्टीन वार्ड में रखा. जिलाधिकारी डॉ उज्ज्वल कुमार ने बताया कि 14 दिनों तक सभी नेपाली नागरिक क्वारन्टीन रहेंगे. इस दौरान के स्वास्थ्य की जांच तथा रहने और भोजन का भी इंतजाम किया गया है.
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