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महराजगंज में 37.70 लाख रुपये का मनरेगा घोटाला, बीडीओ ने दर्ज कराया मुकदमा - Maharajganj latest news

महराजगंज जिले में मनरेगा घोटाले का मामाल सामने आया है. पुलिस ने खंड विकास अधिकारी की तहरीर पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

मनरेगा घोटाला
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Published : May 21, 2023, 4:01 PM IST

महराजगंज: जिले के सदर ब्लाक के ग्राम सभा तरकुलवा में 37.70 लाख रुपये का मनरेगा घोटाला सामने आया है. बिना काम कराए ही भुगतान कराने का आरोप है. इस मामले में कोतवाली पुलिस ने खंड विकास अधिकारी सदर की तहरीर पर मेसर्स अंकित इंटरप्राइजेज के खिलाफ धोखाधड़ी व गबन का मुकदमा दर्ज किया है. इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है.

मामला वित्तीय वर्ष 2019-20 का है. ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि सदर क्षेत्र के ग्राम सभा तरकुलवा में पोखरी में मनरेगा से बिना काम कराए ही भुगतान करा लिया गया है. शिकायत की जांच शुरू हुई तो यह बात सामने आई कि जिस पोखरे के सुंदरीकरण के नाम पर 37.70 लाख रुपये का भुगतान किया गया है, उसका अस्तित्व ही नहीं है. जांच आगे बढ़ी तो यह बात सामने आई कि पांच गांव के मनरेगा मजदूरों के खाते में 17 लाख 70 हजार रुपये मजदूरी का भुगतान किया गया है. मैटेरियल खरीद मद में बीस लाख रुपये का भुगतान मेसर्स अंकित इंटर प्राइजेज को किया गया है.

जांच रिपोर्ट के आधार पर सीडीओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया. इसके बाद बीडीओ सदर चंद्रशेखर कुशवाहा ने कोतवाली में तहरीर दी. कोतवाल रवि कुमार रॉय ने बताया कि बीडीओ की तहरीर पर मेसर्स अंकित इंटरप्राइजेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है विवेचना शुरू कर दी गई है। विचेचना के आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ेंः शहर में शामिल किए गए 84 गांवों के लोग पहली बार नगर पंचायत में देंगे वोट

महराजगंज: जिले के सदर ब्लाक के ग्राम सभा तरकुलवा में 37.70 लाख रुपये का मनरेगा घोटाला सामने आया है. बिना काम कराए ही भुगतान कराने का आरोप है. इस मामले में कोतवाली पुलिस ने खंड विकास अधिकारी सदर की तहरीर पर मेसर्स अंकित इंटरप्राइजेज के खिलाफ धोखाधड़ी व गबन का मुकदमा दर्ज किया है. इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है.

मामला वित्तीय वर्ष 2019-20 का है. ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि सदर क्षेत्र के ग्राम सभा तरकुलवा में पोखरी में मनरेगा से बिना काम कराए ही भुगतान करा लिया गया है. शिकायत की जांच शुरू हुई तो यह बात सामने आई कि जिस पोखरे के सुंदरीकरण के नाम पर 37.70 लाख रुपये का भुगतान किया गया है, उसका अस्तित्व ही नहीं है. जांच आगे बढ़ी तो यह बात सामने आई कि पांच गांव के मनरेगा मजदूरों के खाते में 17 लाख 70 हजार रुपये मजदूरी का भुगतान किया गया है. मैटेरियल खरीद मद में बीस लाख रुपये का भुगतान मेसर्स अंकित इंटर प्राइजेज को किया गया है.

जांच रिपोर्ट के आधार पर सीडीओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया. इसके बाद बीडीओ सदर चंद्रशेखर कुशवाहा ने कोतवाली में तहरीर दी. कोतवाल रवि कुमार रॉय ने बताया कि बीडीओ की तहरीर पर मेसर्स अंकित इंटरप्राइजेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है विवेचना शुरू कर दी गई है। विचेचना के आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी.

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