महराजगंज : अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से बिगड़े हालातों के बीच वहां रोजी-रोटी की तलाश में गए जनपद के जंग बहादुर काबुल में फंस गए हैं. तालिबानी लड़ाकों की क्रूरता और असुरक्षा की आशंका से उसके परिवार के लोगों ने सरकार और प्रशासन से उनकी सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई है.
महाराजगंज जनपद के श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के श्यामदेउरवा गांव निवासी जंग बहादुर पिछले 5 सालों से अफगानिस्तान के काबुल में एक प्राइवेट कंपनी में खाना बनाने का काम कर रहे थे. अपने घर में इकलौता कमाने वाले जंग बहादुर की 6 बेटियां एवं पत्नी घर पर ही हैं.
अफगानिस्तान में हालात बिगड़ने के बाद से जंग बहादुर लगातार अपने परिवार के संपर्क में हैं. घर वापसी की कोशिश में जुटे हैं. उसकी बेटी मनीषा ने बताया कि मंगलवार शाम 5 बजे उसके पिता का फोन आया. वह काफी घबराए हुए थे. बताया कि उन्होंने पिछले 5 दिनों से खाना भी नहीं खाया है.
बेटी ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अफगानिस्तान से उन्हें सकुशल और सुरक्षित भारत लाने में मदद करें. गांव के प्रधान जनार्दन यादव ने कहा कि जब से उन्हें गांव के एक व्यक्ति के अफगानिस्तान में फंसे होने की सूचना मिली है, परिवार की मदद में वह लोग जुट गए हैं.
वतन वापसी की गुहार
शाहजहांपुर : अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां अराजकता का माहौल है. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का रहने वाला एक परिवार भी अपने बेटे की सलामती की दुआएं कर रहा है. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगा रहा है कि उसके बेटे को सकुशल घर वापसी कराई जाए. वहीं, युवक की बहन अपने भाई का रक्षाबंधन पर बेसब्री से इंतजार कर रही है.
दरअसल, थाना सदर बाजार के चिनोर इलाके का रहने वाला जीत बहादुर थापा तकरीबन ढाई साल पहले काबुल में एक फैक्ट्री में नौकरी करने गया था. इसी दौरान अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद उसकी फैक्ट्री पर भी तालिबानियों ने कब्जा कर लिया. इसके बाद जीत बहादुर थापा वहां से भागकर एयरपोर्ट पर आ गया.
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परिवार वालों से 2 दिन पहले बातचीत में उसने बताया कि वह अब अमेरिकन सेना के पास है. वह सुरक्षित है. थापा ने यह भी बताया कि अफगानिस्तान के हालात बेहद ही खराब हैं और उसे खाने पीने की बेहद दिक्कत हो रही है. पूरे परिवार ने प्रधानमंत्री मोदी से जीत बहादुर की सकुशल वापसी की गुहार लगाई है.
अफगानी छात्रों ने लगाई भारत सरकार से स्कॉलरशिप जारी रखने की मांग
अफगानिस्तान में सत्ता का तख्तापलट हो गया है। तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है और ऐसे में भारत में रह रहे अफगानी छात्र अब परेशान हैं. अफगानी छात्रों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह तो सुरक्षित है लेकिन उनका परिवार तालिबान के खौफ के साए में जी रहा है. हर पल उन्हें अपनों की मौत का खतरा सता रहा है. ऐसे में अफगानी छात्रों ने प्रधानमंत्री मोदी से एक सामूहिक गुहार भी लगाई है.
मेरठ के कृषि विश्वविद्यालय में एमएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई लगभग पूरी कर चुके इन 6 छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी सुरक्षा और स्कॉलरशिप जारी रखने के लिए गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि उनके परिवारों को भी अफगानिस्तान से निकाल कर भारत लाया जाए और उन्हें भारत का वीजा तब तक के लिए मुहैया कराया जाए जब तक अफगानिस्तान में सब कुछ पहले जैसा न हो जाए. जब अफगानी छात्रों से बातचीत की तो उन्होंने तालिबान के खिलाफ कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.
अफगानिस्तान में फंसे आजमगढ़ और आसपास के 28 लोग, फैक्ट्री मालिक ने रखे पासपोर्ट
अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद वहां हालात बिगड़ने के कारण कई भारतीय (Indian) इस वक्त फंसे हुए हैं. उन्हें निकालने की कोशिशें की जा रही हैं. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ (Azamgarh) समेत आसपास के जिलों के भी करीब 28 लोग इस वक्त अफगानिस्तान की एक फैक्ट्री में फंसे हुए हैं जो घर वापसी की आस लगाए बैठे हैं.