महाराजगंज: जिले में एक थाना ऐसा है जहां पिछले 5 सालों में एक भी एफआईआर गंभीर धाराओं में दर्ज नहीं हुई है. वर्ष 2002 में महाराजगंज जिले के सोहगीबरवा थाने की स्थापना की गई थी. इस थाना क्षेत्र में कोई गंभीर अपराध नहीं होने से पुलिसकर्मियों के लिए यहां काम न के बराबर होता है. पिछले 5 सालों में यहां हत्या, लूट, डकैती और फिरौती के एक भी मुकदमे नहीं लिखे गए हैं. सोहगी बरवा थाने में एक सब इंस्पेक्टर, 8 कांस्टेबल समेत 11 पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं. इस थाने को 3 गांव की 12 हजार आबादी की सुरक्षा के लिए बनाया गया है.
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मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर है यह थाना
जिला मुख्यालय से लगभग 75 किलोमीटर दूरी के कारण पुलिसकर्मी इस थाने में अपनी पोस्टिंग को काला पानी के रूप में देखता है. थाने पर केवल आबकारी और एमवी एक्ट के ही कुछ मामले सामने आए हैं. पुलिस जीडी में हत्या, लूट, डकैती और फिरौती के एक भी मुकदमे नहीं लिखे गए हैं.
यहां पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के लिए महीने बीत जाते हैं. इस थाने में पिछले 5 वर्षों में 46 आबकारी और एमवी एक्ट मुकदमे लिखे गए. इस वर्ष थाने में केवल पांच मुकदमे दर्ज हैं. थाने में आबकारी एक्ट, गुंडा, गैंगस्टर, इनामी और वांछित बदमाशों का कालम वर्षों से खाली है. बाढ़ के इस समय क्षेत्र का संपर्क पूरे जिले से कट जाता है. वहीं क्षेत्र में शांति रहने की वजह से पीस कमेटी की बैठक, पैदल गस्त, बैंक चेकिंग जैसे मामलों में पुलिस की ड्यूटी भी नहीं लगती है.
ग्राम प्रधान ने कहा-
ग्राम प्रधान विनय कुमार सिंह का कहना है कि यहां जनता में काफी सामंजस्य व्याप्त है. किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. जमीन के छोटे मामले आते हैं तो लोग आपस में बैठकर मामले का सुलह कर लेते हैं. यह गांव जिला तहसील मुख्यालय से न जुड़ने के कारण काफी पिछड़ा हुआ है. मेरी गांव वालों की तरफ से यह मांग है कि गांव को मुख्याल से जोड़ा जाए.
एसपी रोहित सिंह सजवान ने चौकी बरवा गांव का दौरा कर लोगों से उनका हालचाल पूछा. उन्होंने बताया कि भौगोलिक दृष्टि से भी यहां अपराध काफी कम है. इसलिए कोई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है.