महराजगंज: पड़ोसी देश नेपाल में हो रही लगातार बारिश का असर अपने देश में भी दिख रहा है. नेपाल से निकलने वाली पहाड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे महाराजगंज जनपद के नौतनवा और निचलौल तहसील क्षेत्र के कई गांव बाढ़ से पूरी तरह घिर चुके हैं. बाढ़ का पानी गांव के अंदर 8 से 10 फीट तक भर गया है. जिससे अब लोग अपने घरों से पलायन करने को मजबूर हैं. वहीं, प्रशासन की तरफ से भी एनडीआरएफ और पीएसी की टीम द्वारा राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है और बाढ़ से घिरे लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
एक तरफ जहां यूपी के कई जिलों में बाढ़ का कहर जारी है. जिससे हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो गई है. कई मकान डूब गए हैं और लोग पलायन करने को मजबूर है वही महराजगंज जिले में नेपाल से आने वाली नदियां उफान पर हैं. क्योंकि पिछले 4-5 दिनों से पहाड़ों में लगातार बारिश हो रही है. बारिश से नेपाल से निकलकर भारतीय क्षेत्र में आने वाली रोहिन, चंदन, नारायणी समेत बघेला नाला अपनी पूरी उफान पर है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण अपने घर की छतों और ऊंचे स्थानों पर रहने को मजबूर हो गए हैं. वहीं, बाढ़ से घिरे कई गांव के ग्रामीण अब अपने घरों से पलायन करने को मजबूर है. बाढ़ से गिरे ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक उनके पास प्रशासन के कोई लोग नहीं पहुंचे हैं और उनके खाने-पीने का सामान पानी में डूब गया है. जिससे खाने-पीने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
महाराजगंज में बाढ़ को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है. वहीं, बाढ़ से घिरे लोगों को रेस्क्यू कर निकाला भी जा रहा है. प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों को मदद पहुंचाने के लिए पीएसी की टीम के साथ स्टीमर बोट लगाई गई है जो ग्रामीणों तक खाने-पीने का सामान पहुंचाने में जुटे हुए हैं. वही प्रशासन और ग्रामीण मिलकर लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था में जुटे हुए हैं. राहत कार्य में लगे पीएसी टीम के सदस्य का कहना है कि बाढ़ से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वह अपनी छतों एवं उनके स्थानों पर रहने को मजबूर हैं. वही बाढ़ से प्रभावित गांव से निकलकर ऊंचे स्थानों पर आए लोगों का कहना है कि बाढ़ से हालत ज्यादा खराब हो गए हैं लोग छतों पर रहने को मजबूर हो गए हैं.
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