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महराजगंज: 52 मासूम बच्चे हुए वायरल बुखार की चपेट में, जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूले - viral fever in maharajganj

बृजमनगंज में मटिहनिया गांव के दुधरवा टोले में 52 बच्चे एक साथ ही वायरल बुखार की चपेट में आ गए. गांव में डॉक्टर की टीम को तुरंत बच्चों के इलाज मे लगा दिया गया है.

वायरल बुखार की चपेट में आये मासूम बच्चे.
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Published : Jul 10, 2019, 6:47 PM IST

महराजगंज: बृजमनगंज ब्लॉक के मटिहनिया गांव के दुधरवा टोले में हफ्ते भर के अन्दर ही 52 बच्चे वायरल बुखार की चपेट में आ गए हैं. जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और बच्चों के इलाज में जुट गई.

52 बच्चे एक साथ ही वायरल बुखार की चपेट में आ गए.

वायरल बुखार की चपेट में आए मासूम बच्चे-

  • गांव के 52 बच्चे वायरल बुखार की चपेट में आ गए हैं.
  • 52 बच्चों के साथ पांच और लोग वायरल बुखार की चपेट में आ गए हैं.
  • कुल मिलाकर 57 लोग बुखार से पीड़ित हो गए हैं.
  • गांव में डॉक्टर की टीम को तुरंत बच्चों के इलाज में लगा दिया गया.
  • कुछ बच्चे तो ठीक हो गये, लेकिन ज्यादातर बच्चे अभी भी बुखार से तप रहे हैं.
  • परिवार वाले अपने बच्चों की हालत देखकर सहमे हुए हैं.
  • जांच में बच्चों में जेई ए एईएस के लक्षण तो नहीं पाए गए, लेकिन अभी भी बच्चों का बुखार नहीं उतर रहा है.

शासन के निर्देश पर जिले में संचारी रोग नियंत्रण एक के बाद दस्तक-1 और दस्तक-2 अभियान चलाया गया. गांव स्तर पर इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए 17 विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई. बच्चों के बीमारी के बाद पानी के सैंपल की जांच की गई तो 26 में से 24 हैंडपंप खराब पानी दे रहे थे. 24 हैंडपंपों पर विभाग ने लाल निशान लगा दिए. गांव के बच्चे दूषित पानी पीने और गंदगी से बीमार पड़ गए. गांव के अंदर आबादी में सूअर बाड़ा था, जिसे हटाया गया, लेकिन तब तक देर हो गई. जांच के बाद 17 बच्चों में मलेरिया और डेंगू के लक्षण मिले हैं.

गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां मौजूद है और पीड़ित बच्चों का इलाज कर रही है.
-क्षमा शंकर पांडे ,चिकित्सा अधिकारी

महराजगंज: बृजमनगंज ब्लॉक के मटिहनिया गांव के दुधरवा टोले में हफ्ते भर के अन्दर ही 52 बच्चे वायरल बुखार की चपेट में आ गए हैं. जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और बच्चों के इलाज में जुट गई.

52 बच्चे एक साथ ही वायरल बुखार की चपेट में आ गए.

वायरल बुखार की चपेट में आए मासूम बच्चे-

  • गांव के 52 बच्चे वायरल बुखार की चपेट में आ गए हैं.
  • 52 बच्चों के साथ पांच और लोग वायरल बुखार की चपेट में आ गए हैं.
  • कुल मिलाकर 57 लोग बुखार से पीड़ित हो गए हैं.
  • गांव में डॉक्टर की टीम को तुरंत बच्चों के इलाज में लगा दिया गया.
  • कुछ बच्चे तो ठीक हो गये, लेकिन ज्यादातर बच्चे अभी भी बुखार से तप रहे हैं.
  • परिवार वाले अपने बच्चों की हालत देखकर सहमे हुए हैं.
  • जांच में बच्चों में जेई ए एईएस के लक्षण तो नहीं पाए गए, लेकिन अभी भी बच्चों का बुखार नहीं उतर रहा है.

शासन के निर्देश पर जिले में संचारी रोग नियंत्रण एक के बाद दस्तक-1 और दस्तक-2 अभियान चलाया गया. गांव स्तर पर इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए 17 विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई. बच्चों के बीमारी के बाद पानी के सैंपल की जांच की गई तो 26 में से 24 हैंडपंप खराब पानी दे रहे थे. 24 हैंडपंपों पर विभाग ने लाल निशान लगा दिए. गांव के बच्चे दूषित पानी पीने और गंदगी से बीमार पड़ गए. गांव के अंदर आबादी में सूअर बाड़ा था, जिसे हटाया गया, लेकिन तब तक देर हो गई. जांच के बाद 17 बच्चों में मलेरिया और डेंगू के लक्षण मिले हैं.

गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां मौजूद है और पीड़ित बच्चों का इलाज कर रही है.
-क्षमा शंकर पांडे ,चिकित्सा अधिकारी

Intro:पूर्वांचल के लिए अभिशाप बने इंसेफेलाइटिस से सबसे प्रभावित जिलों में से एक महाराजगंज में जिला प्रशासन की लापरवाही से बृजमनगंज ब्लॉक के मटिहनिया गांव के दुधरवा टोले में हफ्ते भर के भीतर ही 52 बच्चे वायरल बुखार की चपेट में आ गए सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर सभी पीड़ितों के इलाज में जुट गई इलाज के बाद कुछ बच्चों में सुधार आया है लेकिन ज्यादातर बच्चे अभी भी वायरल बुखार से पीड़ित है वही स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के ब्लड का सैंपलिंग लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं वहीं जांच में बच्चों में जेई ए एईएस के लक्षण तो नहीं पाए गए लेकिन अभी भी बच्चों का बुखार नहीं उतर रहा है मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है गांव में सूअर बाडा होने और गंदगी होने से इतने बच्चे वायरल बुखार से पीड़ित हुए हैं जिसको प्रशासन ने अब हटवा दिया है वहीं गांव में साफ सफाई भी हो रही है।


Body: बृजमनगंज ब्लॉक के मटीहनिवा गांव के दुधरवा टोले पर उस समय हड़कंप मच गया जब कुछ बच्चे बुखार से पीड़ित हो गए जिनको परिजनों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र बृजमनगंज ले जाया गया जहा उनका इलाज किया गया लेकिन देखते-देखते गांव के 52 बच्चों के साथ गांव के पांच और लोग कुल मिला कर 57 लोग बुखार से पीड़ित हो गए जिसके बाद सूचना पाकर मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम में हड़कंप मच गया और गांव में डॉक्टर की टीम लगा दी गई जो बच्चों का इलाज कर रहे हैं अभी कुछ बच्चे तो ठीक हुए लेकिन ज्यादातर बचे अभी भी बुखार से पीड़ित हैं और उनका परिवार सहमा हुआ है।


Conclusion:जिले में स्वछता को लेकर तमाम कार्यक्रम चलाए जाते है लेकिन जमीनी हकीकत इस गांव से पता चलता है जब प्रशासन को पता चलता है कि इस गांव में इतने बच्चे बीमार हैं और सूअर बाड़ा के सामने ही बच्चे प्रभावित हुए हैं जिसके बाद प्रशासन ने इस को हटवा दिया और गांव में गंदगी को भी साफ करवा दिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी क्षमा शंकर पांडे का कहना है कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां मौजूद है और पीड़ित बच्चों का इलाज कर रही है लेकिन खुद सीएमओ स्वच्छता की पोल खोलते हुए कहते हैं कि गंदगी के कारण बच्चे संक्रमित हुए हैं दिमागी बुखार को नियंत्रण में करने के लिए ही शासन के निर्देश पर जिले में संचारी रोग नियंत्रण एक के बाद दस्तक 1 और दस्तक 2 अभियान चलाया गया गांव स्तर पर इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए 17 विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई आलम यह है कि बच्चों के बीमारी के बाद पानी के सैंपल की जांच की गई तो 26 में से 24 हैंडपंप खराब पानी उगल रहे थे 24 हैंडपंपों पर विभाग ने लाल निशान लगा दिए गांव के बच्चे दूषित पानी पीने और गंदगी से बीमार पड़ गए गांव के अंदर आबादी में सूअर बाड़ा था जिसे हटाया गया लेकिन तब तक देर हो गई थी जांच के बाद 17 बच्चों में मलेरिया और डेंगू के लक्षण मिले हैं लेकिन गरीमत यह रही कि अभी भी इन बच्चों में से किसी के अंदर जेई एईएस के लक्षण नहीं मिले अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन किसी बड़ी अनहोनी के इंतजार में रहता है जबकि इंसेफेलाइटिस को लेकर जिला अलर्ट पर है।

बाईट- 1 इंद्रावती-पीड़ित की माँ
बाईट- 2 लक्ष्मी देवी- पीड़ित की दादी
बाईट - 3 अजीत सिंह- ग्रामीण
बाईट - 4 क्षमाशंकर पांडे- सीएमओ

रिपोर्ट। जियाउद्दीन 9628261129
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