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महराजगंज: बाढ़ राहत कार्य के लिए 29 हेलीपैड स्थल चिन्हित, 231 गोताखोरों के किए गए इंतजाम

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में बाढ़ राहत कार्य के लिए 29 हेलीपैड स्थल को चिन्हित किया गया है. साथ ही जिला प्रशासन की ओर से 55 निजी अस्पताल और 31 डाइग्नॉस्टिक सेंटर को भी चिन्हित किया गया है.

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बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी की तैयारी.
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Published : Aug 14, 2020, 6:54 AM IST

महराजगंज: जिले में बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. बाढ़ राहत कार्य के लिए जिले में 29 हेलीपैड स्थल चिन्हित किए गए हैं. साथ ही 231 गोताखोर और 120 नाव की भी व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गई है.

जिले के संभावित 262 ग्राम और 109 गांवों में बाढ़ राहत कार्य की योजना जिला प्रशासन ने बनाई है. जिले को जोनल सेक्टर में डिवाइड कर बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही 29 हेलीपैड स्थल को चिन्हित किया गया है, जिसमें 51 गांव शामिल हैं. जिले को 4 जोनल, 19 सेक्टर समन्वयक और 36 सहायक सेक्टर समन्वयक अधिकारी के रूप में विभाजित किया गया है.

बाढ़ में डूबने से लोगों को बचाने के लिए 231 गोताखोर और 120 नाव की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गई है. जिले में बाढ़ राहत के लिए 29 बाढ़ चौकी, 18 पशु शरणालय और 19 राहत शिविरों को भी चिन्हित किया गया है. 810 आपदा मित्र सहयोगियों को भी चयन स्थानीय प्रशासन की ओर किया गया है. साथ ही 54 लोगों का चयन लंगर चलाने के लिए किया गया है.

55 निजी अस्पताल, 31 डाइग्नॉस्टिक सेंटर, 13 रैपिड रिस्पांस टीम, 10 मोबाइल चिकित्सक टीम, 2 राजकीय एंबुलेंस, 4 एएलएस एंबुलेंस, 102 एंबुलेंस 32 व 108 एंबुलेंस 29 की व्यवस्था की गई है. जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने बताया कि सभी बांधों की सफाई और रैट होल के मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया गया है. बाढ़ से बचाव के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं.

महराजगंज: जिले में बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. बाढ़ राहत कार्य के लिए जिले में 29 हेलीपैड स्थल चिन्हित किए गए हैं. साथ ही 231 गोताखोर और 120 नाव की भी व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गई है.

जिले के संभावित 262 ग्राम और 109 गांवों में बाढ़ राहत कार्य की योजना जिला प्रशासन ने बनाई है. जिले को जोनल सेक्टर में डिवाइड कर बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही 29 हेलीपैड स्थल को चिन्हित किया गया है, जिसमें 51 गांव शामिल हैं. जिले को 4 जोनल, 19 सेक्टर समन्वयक और 36 सहायक सेक्टर समन्वयक अधिकारी के रूप में विभाजित किया गया है.

बाढ़ में डूबने से लोगों को बचाने के लिए 231 गोताखोर और 120 नाव की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गई है. जिले में बाढ़ राहत के लिए 29 बाढ़ चौकी, 18 पशु शरणालय और 19 राहत शिविरों को भी चिन्हित किया गया है. 810 आपदा मित्र सहयोगियों को भी चयन स्थानीय प्रशासन की ओर किया गया है. साथ ही 54 लोगों का चयन लंगर चलाने के लिए किया गया है.

55 निजी अस्पताल, 31 डाइग्नॉस्टिक सेंटर, 13 रैपिड रिस्पांस टीम, 10 मोबाइल चिकित्सक टीम, 2 राजकीय एंबुलेंस, 4 एएलएस एंबुलेंस, 102 एंबुलेंस 32 व 108 एंबुलेंस 29 की व्यवस्था की गई है. जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने बताया कि सभी बांधों की सफाई और रैट होल के मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया गया है. बाढ़ से बचाव के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं.

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