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ट्विटर विवाद पर बोले युवा : बोलने की आजादी को रखे बरकरार, अफवाहों पर लगाम लगाना जरूरी

ट्विटर को लेकर चल रहे विवाद के बीच राजधानी के युवाओं ने सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली अफवाहों पर लगाम लगाने की बात कही है. युवाओं का कहना है कि कई बार कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का फायदा उठाते हैं. ऐसे में यह हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम सोशल मीडिया पर कोई गलत जानकारी फैलाने से बचें.

ट्विटर पर एफआईआर
ट्विटर पर एफआईआर
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Published : Jun 16, 2021, 5:09 PM IST

लखनऊ : ट्विटर को लेकर चल रहे विवाद के बीच राजधानी के युवाओं ने सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली अफवाहों पर लगाम लगाने की बात कही है. हालांकि उनका कहना है कि सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई हस्तक्षेप न हो. युवाओं का कहना है कि सरकार कुछ ऐसी व्यवस्था करें, जिससे इस मंच पर युवाओं को अपनी बात रखने का मौका मिले. लेकिन, अगर कोई दुष्प्रचार किया जा रहा है तो उस पर लगाम लगाई जाए.


अफवाह पर लगाम जरूरी

युवा नेता विवेक सिंह मोनू का कहना है कि सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. लेकिन इस स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है. उन्होंने कहा कि एक गलत सूचना के चलते देश और समाज का माहौल खराब हो सकता है. हाल ही में सामने आए वायरल मैसेज ने इसे साबित भी कर दिया है. ऐसे में अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए नियंत्रण बेहद जरूरी है. कम से कम ट्विटर का एक अधिकारी तो भारत में हो जो पूरी जिम्मेदारी ले सके.

इसे भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश : ट्विटर व सात पर एफआईआर, कंपनी ने नियुक्त किया आईसीईओ


गलत जानकारी फैलाने वालों पर हो कार्रवाई

छात्र मनीष पांडे कहते हैं कि सोशल मीडिया पर आने वाले संदेशों पर लोग भरोसा करते हैं. कई बार कुछ असामाजिक तत्व इसी का फायदा भी उठाते हैं. ऐसे में यह हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम सोशल मीडिया पर कोई गलत जानकारी फैलाने से बचें. वहीं सरकार को भी चाहिए कि गलत सूचना फैलाकर लोगों को भ्रमित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.


आड़ में आवाज कुचलने की कोशिश

लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता महेंद्र कुमार यादव कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को अपने विचार रखने का ट्विटर एक बेहतरीन माध्यम है, देश-दुनिया की जानकारी भी ट्विटर के माध्यम से प्राप्त होती है. लोकतंत्र में चुनी हुई सरकारों पर जनहित के मुद्दों के लिए ट्विटर पर ट्रेंडिंग के माध्यम से दबाव बनाना आसान होता है. भारत सरकार द्वारा तमाम सोशल साइट्स को अपने अनुसार चलाने की कोशिश निंदनीय है.

इसे भी पढ़ें- कानूनी सुरक्षा चाहिए तो करें देश के नियमों का पालन, ट्विटर को रविशकंर प्रसाद की सलाह


जवाबदेही सही पर दबाना गलत

लखनऊ विश्वविद्यालय के वरिष्ठ छात्र नेता अंकित सिंह बाबू कहते हैं कि आजादी के साथ सभी की कुछ जिम्मेदारियां भी हैं. सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है? यह क्या ट्रेंड कर रहा है? इसको लेकर एक जवाबदेही होनी चाहिए, लेकिन जवाबदेही के नाम पर आम जनता की आवाज को दबाने का प्रयास करना गलत होगा. सरकार को चाहिए एक पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से जवाबदेही तय करें.

लखनऊ : ट्विटर को लेकर चल रहे विवाद के बीच राजधानी के युवाओं ने सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली अफवाहों पर लगाम लगाने की बात कही है. हालांकि उनका कहना है कि सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई हस्तक्षेप न हो. युवाओं का कहना है कि सरकार कुछ ऐसी व्यवस्था करें, जिससे इस मंच पर युवाओं को अपनी बात रखने का मौका मिले. लेकिन, अगर कोई दुष्प्रचार किया जा रहा है तो उस पर लगाम लगाई जाए.


अफवाह पर लगाम जरूरी

युवा नेता विवेक सिंह मोनू का कहना है कि सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. लेकिन इस स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है. उन्होंने कहा कि एक गलत सूचना के चलते देश और समाज का माहौल खराब हो सकता है. हाल ही में सामने आए वायरल मैसेज ने इसे साबित भी कर दिया है. ऐसे में अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए नियंत्रण बेहद जरूरी है. कम से कम ट्विटर का एक अधिकारी तो भारत में हो जो पूरी जिम्मेदारी ले सके.

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गलत जानकारी फैलाने वालों पर हो कार्रवाई

छात्र मनीष पांडे कहते हैं कि सोशल मीडिया पर आने वाले संदेशों पर लोग भरोसा करते हैं. कई बार कुछ असामाजिक तत्व इसी का फायदा भी उठाते हैं. ऐसे में यह हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम सोशल मीडिया पर कोई गलत जानकारी फैलाने से बचें. वहीं सरकार को भी चाहिए कि गलत सूचना फैलाकर लोगों को भ्रमित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.


आड़ में आवाज कुचलने की कोशिश

लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता महेंद्र कुमार यादव कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को अपने विचार रखने का ट्विटर एक बेहतरीन माध्यम है, देश-दुनिया की जानकारी भी ट्विटर के माध्यम से प्राप्त होती है. लोकतंत्र में चुनी हुई सरकारों पर जनहित के मुद्दों के लिए ट्विटर पर ट्रेंडिंग के माध्यम से दबाव बनाना आसान होता है. भारत सरकार द्वारा तमाम सोशल साइट्स को अपने अनुसार चलाने की कोशिश निंदनीय है.

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जवाबदेही सही पर दबाना गलत

लखनऊ विश्वविद्यालय के वरिष्ठ छात्र नेता अंकित सिंह बाबू कहते हैं कि आजादी के साथ सभी की कुछ जिम्मेदारियां भी हैं. सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है? यह क्या ट्रेंड कर रहा है? इसको लेकर एक जवाबदेही होनी चाहिए, लेकिन जवाबदेही के नाम पर आम जनता की आवाज को दबाने का प्रयास करना गलत होगा. सरकार को चाहिए एक पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से जवाबदेही तय करें.

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