लखनऊ : 500 साल पुराने ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला मैदान में लखनऊ के युवा व प्रतिभाशाली लोगों को अभिनय का मौका दिया गया है. श्रीरामलीला समिति ऐशबाग की तरफ से यह निर्णय लिया गया है. 10 दिनों तक 350 से अधिक कलाकार रामायण के विभिन्न पात्रों के रूप में अभिनय करेंगे.
समिति के अध्यक्ष हरीश चंद्र अग्रवाल व सचिव आदित्य द्विवेदी ने बताया कि बुराई पर सच्चाई की जीत के रूप में इस बार केवल रावण के पुतले का दहन किया जाएगा. इसकी लंबाई 80 फीट होगी. रामलीला का मंचन तीन चरणों में किया जाएगा.
बता दें कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ऐशबाग रामलीला मैदान में रंगमंच की शुरुआत 500 वर्ष पूर्व स्वामी तुलसीदास द्वारा की गई थी. इस ऐतिहासिक मैदान में तब से आज तक रामलीला का मंचन किया जाता है. समिति के अध्यक्ष हरीश चंद्र अग्रवाल ने बताया कि कोविड-19 गाइडलाइन को देखते हुए इस बार भी दर्शकों को मैदान में आने की अनुमति नहीं दी गई है. दर्शकों के लिए ऑनलाइन रामलीला का मंचन किया जाएगा.
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फेसबुक, यूट्यूब व अन्य सोशल मीडिया पर होगा प्रसारण
श्रीरामलीला समिति के अध्यक्ष हरीश चंद्र अग्रवाल ने बताया कि रामलीला मैदान में 25000 दर्शकों के बैठने की जगह है. समिति की तरफ से निर्णय लिया गया कि सोशल साइट्स के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक रामायण की जानकारियां पहुंचाई जा सके. इसके जरिए लोगों तक हमारी संस्कृति और पात्रों के कर्तव्यों को दिखाया जाएगा. दशकों तक मंचन www.aishbaghramleela.org वेबसाइट पर किया जाएगा.
श्रीरामलीला आयोजन समिति के सचिव पंडित आदित्य द्विवेदी ने बताया कि इस ऐतिहासिक मैदान में लगभग 16 देशों के कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जाता है. मगर इस बार कोरोना महामारी के चलते लखनऊ के युवा कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया गया है. 10 दिनों तक चलने वाले इस रामलीला मंचन में प्रतिदिन नए चेहरों को अभिनय का मौका दिया गया है. इसमें शहरभर की तमाम अभिनय अकादमी के कलाकार हिस्सा लेंगे.
तीन चरणों में होगा रामलीला का मंचन
श्रीरामलीला समिति के सचिव आदित्य द्विवेदी ने बताया कि इस बार श्राीरामलीला का मंचन प्रतिदिन तीन चरणों में किया जाएगा. पहले चरण में नृत्य नाटिका, दूसरे चरण में रामलीला का मंचन और तीसरे चरण में साहित्य और काव्य का मंचन किया जाएगा.