लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपियों के मुकदमे वापस लेने का निर्णय लिया है. सरकार ने राज्यपाल से इस पर सहमति मांगी थी, जिस पर राज्यपाल ने सहमति प्रदान कर दी है.
दरअसल, शासन द्वारा मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी को लिखे गए पत्र में साफ कहा गया है कि मुकदमे के तथ्यों व उपलब्ध आख्या पत्र आदि पर समुचित विचार करने के बाद शासन ने उक्त मुकदमे को वापस किए जाने हेतु लोक अभियोजक के न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए जाने की लिखित अनुमति देने का निर्णय लिया है. पत्र में कहा गया है कि राज्यपाल ने उपयुक्त मुकदमे के अभियोजन को वापस लेने हेतु लोक अभियोजक द्वारा न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की अनुमति प्रदान कर दी है. कृपया उपयुक्त के क्रम-अनुक्रम में दंड प्रक्रिया संहिता सीआरपीसी की धारा 321 में उल्लिखित प्रावधानों का अनुपालन किया जाए और अन्य कार्यवाही कराने का कष्ट करें.
आपको बता दें कि यह मुकदमा वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे में लिखा गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग आरोपी बनाए गए थे. धारा 395, 436, 427, 295 में मुकदमा लिखा हुआ है. वहीं सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने कहा कि योगी सरकार की यह नीति गलत है. दंगे के आरोपियों से मुकदमे वापस लेना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं योगी सरकार की मंशा ठीक नहीं है. वह बीजेपी के लोगों को बचाना चाहते हैं.