लखनऊ: योगी सरकार उत्तर प्रदेश के व्यापारियों को मुकदमों में बड़ी राहत देने जा रही है. राज्य सरकार कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन तोड़ने को लेकर दर्ज किए गए मुकदमें व्यापारियों और अन्य लोगों से हटाने की तैयारी कर रही है. इस बारे में कानून मंत्रालय ने अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. इसे लेकर सभी जिलों से डिटेल मंगवाई गई है.
प्रदेश भर में दर्ज मुकदमों का ब्योरा जुटाने का आदेश जारी
कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन तोड़ने के मामलों में पुलिस और कचेहरी की दौड़ अब यूपी के लोगों को नहीं लगानी होगी. इस बारे में योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. व्यापारियों पर दर्ज मुकदमों के साथ ही अन्य लोगों पर कोविड और लॉकडाउन से जुड़े मामले भी हटाए जाएंगे. कानून मंत्रालय ने इस बारे में प्रमुख सचिव को दिशा-निर्देश जारी करते हुए प्रदेश भर में दर्ज मुकदमों का ब्योरा जुटाने को कहा है. कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया.
अन्य लोगों को भी मिलेगी राहत
योगी सरकार के इस फैसले से हजारों व्यापारियों के साथ ही बड़ी संख्या में कर्मचारियों, मजदूरों और किसानों को भी राहत मिलना तय है. राज्य सरकार का मानना है कि कोविड के मुकदमों से आम लोगों को अनावश्यक परेशानी उठानी पड़ सकती है. थानों में दर्ज एफआईआर का हवाला देते हुए पुलिस को लोगों को परेशान करने का मौका मिल सकता है.
व्यापारियों की मांग पर सरकार ने की पहल
कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने और लॉकडाउन के उल्लंघन के मुकदमे वापस लेने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा. सरकार इसके लिए तैयारियों में जुट गई है.सभी जिलों से मुकदमों का ब्यौरा जुटाकर सरकार कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखेगी, जहां से पास होने के बाद इस पर अमल किया जाएगा. मुकदमा वापसी के जरिये सरकार जहां व्यापारियों के साथ आम लोगों को बड़ी राहत देने जा रही है, वहीं उन्हें भविष्य में ऐसी स्थितियों में विशेष एहतियात बरतने की चेतावनी भी देगी. इन मुकदमों की वापसी से पुलिस और न्यायालय पर भी बोझ कम होगा और उन्हें आवश्यक चीजों की जांच के लिए मौका मिल सकेगा. कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि व्यापारियों की लंबे समय से यह मांग थी, जिस पर विचार करते हुए राज्य सरकार ने इन मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.