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अंतरजातीय विवाह फंड में कटौती कर सकती है योगी सरकार

प्रदेश में अंतरजातीय विवाह के लिए निर्धारित फंड पर कोरोना का संकट मंडरा रहा है. प्रदेश सरकार अंतरजातीय एवं अंतरधार्मिक विवाह पर प्रोत्साहन राशि वितरित करने के लिए निर्धारित फंड में कमी करने की योजना बना रही है. सरकार के सूत्रों का कहना है कि शासन स्तर पर इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. जल्द ही इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया जाएगा.

अंतरजातीय विवाह फंड.
अंतरजातीय विवाह फंड.
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Published : Dec 2, 2020, 10:57 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में अंतरजातीय एवं अंतरधार्मिक विवाह करने वाले को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. सरकार की तरफ से इसके लिए फंड का निर्धारण किया जाता है, लेकिन खबर आ रही है कि सरकार इस योजना का समाप्त करने की तैयारी में है.

शासन के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना काल में विवाह की संख्या में भारी कमी आई है. इस वजह से सरकार निर्धारित फंड में कमी करने की तैयारी कर रही है. फंड में कमी केवल मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए ही होगी. इस योजना को समाप्त करने जैसी कोई बात नहीं है.

वहीं वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी का कहना है कि सरकार ने अंतरधार्मिक विवाह समाप्त नहीं किया है. छल, कपट, धोखा और दबाव में विवाह करने पर रोक लगाने के लिए धर्मांतरण संबंधी कानून लेकर आई है.

44 साल पहले बनी थी नियमावली
प्रदेश में राष्ट्रीय एकीकरण विभाग की तरफ से 44 साल पहले 1976 में इस योजना को लागू किया गया था. इसके तहत अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन नियमावली बनाई गई थी. उक्त नियमावली के तहत विवाह करने वाले जोड़े को 50-50 हजार रुपये प्रोत्साहन धनराशि के रूप में दिए जाने का प्रावधान किया गया था. पिछले साल 11 जोड़ों को यह प्रोत्साहन राशि दी गई थी. इस वर्ष चार जोड़ों ने आवेदन किया है, लेकिन उन्हें प्रोत्साहन राशि अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में अंतरजातीय एवं अंतरधार्मिक विवाह करने वाले को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. सरकार की तरफ से इसके लिए फंड का निर्धारण किया जाता है, लेकिन खबर आ रही है कि सरकार इस योजना का समाप्त करने की तैयारी में है.

शासन के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना काल में विवाह की संख्या में भारी कमी आई है. इस वजह से सरकार निर्धारित फंड में कमी करने की तैयारी कर रही है. फंड में कमी केवल मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए ही होगी. इस योजना को समाप्त करने जैसी कोई बात नहीं है.

वहीं वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी का कहना है कि सरकार ने अंतरधार्मिक विवाह समाप्त नहीं किया है. छल, कपट, धोखा और दबाव में विवाह करने पर रोक लगाने के लिए धर्मांतरण संबंधी कानून लेकर आई है.

44 साल पहले बनी थी नियमावली
प्रदेश में राष्ट्रीय एकीकरण विभाग की तरफ से 44 साल पहले 1976 में इस योजना को लागू किया गया था. इसके तहत अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन नियमावली बनाई गई थी. उक्त नियमावली के तहत विवाह करने वाले जोड़े को 50-50 हजार रुपये प्रोत्साहन धनराशि के रूप में दिए जाने का प्रावधान किया गया था. पिछले साल 11 जोड़ों को यह प्रोत्साहन राशि दी गई थी. इस वर्ष चार जोड़ों ने आवेदन किया है, लेकिन उन्हें प्रोत्साहन राशि अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है.

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