लखनऊ: प्रदेश में तेजी से बदलते हुए आर्थिक एवं औद्योगिक परिस्थितयों के मद्देनजर राज्य में रोजगार सृजन और निवेश प्रोत्साहन को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन एजेंसी गठित करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार की देर शाम बैठक में यह निर्णय लिया गया है. वर्तमान में राज्य सरकार की निवेश प्रोत्साहन संस्था उद्योग बंधु का सुदृढ़ीकरण करते हुए एक दक्ष व प्रभावी संस्था का सृजन किया जाएगा.
प्रवासी मजदूरों हेतु रोजगार सृजन के लिए कार्य
यह संस्था विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों हेतु रोजगार सृजन और निवेश आकर्षण एवं प्रोत्साहन के लिए कार्य करेगी. प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने जारी वक्तव्य में बताया कि इस संस्था के अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं होंगे. औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह उपाध्यक्ष होंगे.
सरकार कर रही नीतियों को क्रियान्वित
संस्था के बोर्ड में संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों के अतिरिक्त विभिन्न औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा. इस संबंध में भारत सरकार की संस्था इन्वेस्ट इंडिया द्वारा राज्य सरकार को एक प्रस्ताव तैयार कर प्रेषित किया गया था. उसके सुझाव को सम्मिलित करते हुए इस एजेंसी को शीघ्र स्थापित किया जाएगा. ज्ञात हो कि योगी सरकार घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य में कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है. अनेक निवेशकों की नीतियों को क्रियान्वित किया जा रहा है.
मजदूरों को रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता
सरकार का दावा है कि उसके प्रयासों और अच्छी नीतियों की वजह से राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश भी हुआ है. कोरोना वायरस के कारण वैश्विक औद्योगिक व निवेश की प्राथमिकताओं में परिवर्तन हो रहा है. अभी तक विभिन्न राज्यों में कार्यरत मजदूर भी प्रदेश वापस आ रहे हैं. उनको प्रदेश में ही रोजगार प्रदान करना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है. तेजी से बदलती हुई परिस्थितियों में चुनौतियों से निपटने तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री द्वारा यह निर्णय लिया गया है.
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