लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले निषाद समाज को आरक्षण मिल सकता है. निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद की ओर से की गई निषादों को आरक्षण देने की मांग पर योगी सरकार ने पहल शुरू कर दी है. 17 दिसंबर की रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आश्वासन दिए जाने के बाद योगी सरकार इसको लेकर सक्रिय हो गई है. राज्य सरकार ने भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल व जनगणना आयुक्त को पत्र भेजकर तत्काल मार्गदर्शन मांगा है.
निषाद समाज को आरक्षण दिए जाने की कोशिशें भी तेज हो गईं हैं. निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद की ओर से की गई निषादों को आरक्षण देने की मांग पर योगी सरकार ने पहल शुरू कर दी है. दरअसल, सूबे में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं उसी तरह यहां जातीय सियासत का माहौल भी गर्मा रहा है.
आरक्षण की मांग कर रहे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने इस पर केंद्र सरकार के गृहमंत्री अमित शाह से बात की थी. साथ ही योगी आदित्यनाथ को भी एक पत्र भेजा था. हाल ही में बीते 17 दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने निषादों को आरक्षण देने का आश्वासन दिया था. इसके बाद यूपी की योगी सरकार आरक्षण को लेकर सक्रिय हो गई है.
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प्रदेश शासन के विशेष सचिव रजनीश चंद्र की ओर से रजिस्ट्रार जनरल व जनगणना आयुक्त भारत सरकार को भेजे गए पत्र में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के ज्ञापन को भी संलग्न किया गया है. इसके मुताबिक उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 53 पर मझवार जाति का उल्लेख है.
डॉ. संजय निषाद का कहना है कि प्रदेश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में मझवार जाति के लोग माझी, मझवार, केवट, मल्लाह, निषाद आदि उपनामों का प्रयोग करते हैं. इसके चलते उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र निर्गत नहीं किया जाता, जबकि अन्य अनुसूचित जातियों के लोगों को उपनाम लिखने पर उन्हें प्रमाणपत्र निर्गत करने में कोई आपत्ति नहीं की जाती है.
निषाद पार्टी के प्रमुख डॉ. संजय निषाद ने मझवार जाति के सभी उपनाम वाले लोगों को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र प्रदान किए जाने की मांग की है. इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने 20 दिसंबर को पत्र भेजकर रजिस्ट्रार जनरल व जनगणना आयुक्त से तत्काल मार्गदर्शन का अनुरोध किया है. सरकार की इस पहल को निषादों के हित में बड़ा कदम माना जा रहा है.
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