ETV Bharat / state

लखनऊ: भ्रष्टाचार पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, 2 IPS अधिकारी निलंबित

योगी सरकार ने पशुधन घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 आईपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार द्वारा की गई यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. इस मामले में डीआईजी रूल्स और मैनुअल दिनेश दुबे और डीआईजी पीएसी अरविंद सेन को निलंबित कर दिया गया है.

etv bharat
भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई
author img

By

Published : Aug 24, 2020, 9:38 PM IST

लखनऊ: पशुधन घोटाले को लेकर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 आईपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार द्वारा की गई यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. हालांकि, इससे पहले भी योगी सरकार ने अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है, जिसमें तत्कालीन एडीजी रूल्स एंड मैनुअल जसवीर सिंह, बाराबंकी के तात्कालिक एसपी सतीश कुमार, गौतम बुद्ध नगर के तात्कालिक एसएसपी वैभव कृष्ण शामिल हैं.

सोमवार को योगी सरकार ने पशुधन घोटाले में नाम सामने आने के बाद डीआईजी रूल्स और मैनुअल दिनेश दुबे और डीआईजी पीएसी अरविंद सेन को निलंबित कर दिया है. घोटाले को लेकर गिरफ्तार किए गए शातिर अपराधियों की अधिकारियों से 144 बार बातचीत की जानकारी मिली है. इसमें पैसे के लेन-देन की बात हुई है. इस संदर्भ में सबूत मिलने के बाद योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. 2 आईपीएस अधिकारियों का एक बार में निलंबन शासन की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. यह अब तक कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी कार्रवाई है.

4 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव को लेकर जारी आचार संहिता के दौरान तात्कालिक डीजीपी ओपी सिंह ने तात्कालिक एसपी बाराबंकी डॉक्टर सतीश कुमार को भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत निलंबित कर दिया था. चुनाव आयोग की अनुमति के बाद 65 लाख रुपये की वसूली के मामले में बाराबंकी के एसएसपी को सस्पेंड किया गया था. सतीश कुमार पर 65 लाख वसूली मामले में लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे. इसके बाद यह कार्रवाई की गई थी. डीजीपी ओपी सिंह ने वसूली मामले में सतीश कुमार द्वारा लापरवाही बरतने को लेकर यह कार्रवाई की थी. तात्कालिक एसएसपी बाराबंकी सतीश कुमार के मातहत क्राइम सेल के प्रभारी अनूप यादव ने विश्वास ट्रेडिंग कंपनी के पदाधिकारी से 65 लाख वसूले थे, जिसकी गोपनीय जांच हुई थी. जिसमें प्रभारी अनूप यादव आरोपी पाए गए थे. अनूप यादव के आरोपी पाए जाने के बाद अनूप यादव सहित तत्कालीन एसएसपी बाराबंकी सतीश कुमार पर भी कार्रवाई की गई थी.

फरवरी 2019 को योगी सरकार ने तत्कालीन एडीजी रुस व मैनुअल 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी जसबीर को निलंबित कर दिया था. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जसवीर सिंह को सेवा नियमों के उल्लंघन के आरोपों के तहत 14 फरवरी को निलंबित किया था. 30 जनवरी 2019 को जसबीर ने एक वेबसाइट को इंटरव्यू दिया था. इसमें उन्होंने राजनेता व नौकरशाहों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी को लेकर जसवीर सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन जसवीर सिंह ने स्पष्टीकरण न देकर छुट्टी ले ली थी, जिससे नाराज होकर शासन ने जसवीर सिंह को निलंबित कर दिया था.

9 जनवरी गुरुवार को शासन ने कार्रवाई करते हुए गौतमबुद्ध नगर के तात्कालिक एसएसपी वैभव कृष्ण को अधिकारी आचरण नियमावली के उल्लंघन के आरोपों के तहत सस्पेंड कर दिया था. बताते चलें गौतम बुद्ध नगर के तात्कालिक एसएसपी वैभव कृष्ण का एक आपत्तिजनक अश्लील वीडियो वायरल हुआ था. इसकी जांच एडीजी और आईजी जोन मेरठ को सौंपी गई थी. जांच के दौरान वीडियो को फॉरेंसिक लैब भेजा गया था. फॉरेंसिक लैब में वीडियो को सही पाया गया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई थी. वैभव कृष्ण ने इससे पहले शासन को 5 आईपीएस के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट भी भेजी थी, जिसकी भी विभागीय जांच की गई. जिन 5 आईपीएस अधिकारियों को लेकर वैभव कृष्ण ने रिपोर्ट शासन को भेजी थी. उनमें से कई के ट्रांसफर किए गए थे.

लखनऊ: पशुधन घोटाले को लेकर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 आईपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार द्वारा की गई यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. हालांकि, इससे पहले भी योगी सरकार ने अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है, जिसमें तत्कालीन एडीजी रूल्स एंड मैनुअल जसवीर सिंह, बाराबंकी के तात्कालिक एसपी सतीश कुमार, गौतम बुद्ध नगर के तात्कालिक एसएसपी वैभव कृष्ण शामिल हैं.

सोमवार को योगी सरकार ने पशुधन घोटाले में नाम सामने आने के बाद डीआईजी रूल्स और मैनुअल दिनेश दुबे और डीआईजी पीएसी अरविंद सेन को निलंबित कर दिया है. घोटाले को लेकर गिरफ्तार किए गए शातिर अपराधियों की अधिकारियों से 144 बार बातचीत की जानकारी मिली है. इसमें पैसे के लेन-देन की बात हुई है. इस संदर्भ में सबूत मिलने के बाद योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. 2 आईपीएस अधिकारियों का एक बार में निलंबन शासन की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. यह अब तक कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी कार्रवाई है.

4 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव को लेकर जारी आचार संहिता के दौरान तात्कालिक डीजीपी ओपी सिंह ने तात्कालिक एसपी बाराबंकी डॉक्टर सतीश कुमार को भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत निलंबित कर दिया था. चुनाव आयोग की अनुमति के बाद 65 लाख रुपये की वसूली के मामले में बाराबंकी के एसएसपी को सस्पेंड किया गया था. सतीश कुमार पर 65 लाख वसूली मामले में लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे. इसके बाद यह कार्रवाई की गई थी. डीजीपी ओपी सिंह ने वसूली मामले में सतीश कुमार द्वारा लापरवाही बरतने को लेकर यह कार्रवाई की थी. तात्कालिक एसएसपी बाराबंकी सतीश कुमार के मातहत क्राइम सेल के प्रभारी अनूप यादव ने विश्वास ट्रेडिंग कंपनी के पदाधिकारी से 65 लाख वसूले थे, जिसकी गोपनीय जांच हुई थी. जिसमें प्रभारी अनूप यादव आरोपी पाए गए थे. अनूप यादव के आरोपी पाए जाने के बाद अनूप यादव सहित तत्कालीन एसएसपी बाराबंकी सतीश कुमार पर भी कार्रवाई की गई थी.

फरवरी 2019 को योगी सरकार ने तत्कालीन एडीजी रुस व मैनुअल 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी जसबीर को निलंबित कर दिया था. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जसवीर सिंह को सेवा नियमों के उल्लंघन के आरोपों के तहत 14 फरवरी को निलंबित किया था. 30 जनवरी 2019 को जसबीर ने एक वेबसाइट को इंटरव्यू दिया था. इसमें उन्होंने राजनेता व नौकरशाहों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी को लेकर जसवीर सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन जसवीर सिंह ने स्पष्टीकरण न देकर छुट्टी ले ली थी, जिससे नाराज होकर शासन ने जसवीर सिंह को निलंबित कर दिया था.

9 जनवरी गुरुवार को शासन ने कार्रवाई करते हुए गौतमबुद्ध नगर के तात्कालिक एसएसपी वैभव कृष्ण को अधिकारी आचरण नियमावली के उल्लंघन के आरोपों के तहत सस्पेंड कर दिया था. बताते चलें गौतम बुद्ध नगर के तात्कालिक एसएसपी वैभव कृष्ण का एक आपत्तिजनक अश्लील वीडियो वायरल हुआ था. इसकी जांच एडीजी और आईजी जोन मेरठ को सौंपी गई थी. जांच के दौरान वीडियो को फॉरेंसिक लैब भेजा गया था. फॉरेंसिक लैब में वीडियो को सही पाया गया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई थी. वैभव कृष्ण ने इससे पहले शासन को 5 आईपीएस के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट भी भेजी थी, जिसकी भी विभागीय जांच की गई. जिन 5 आईपीएस अधिकारियों को लेकर वैभव कृष्ण ने रिपोर्ट शासन को भेजी थी. उनमें से कई के ट्रांसफर किए गए थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.